लुधियाना-जालंधर : पंजाब की आर्थिक राजधानी के नाम से विख्यात औद्योगिक महानगर लुधियाना के अतिरिक्त जालंधर, अमृतसर और पटियाला से प्रवासी मजदूरों को लॉकडाउन और कफर्यू की मार से बचाने के लिए अपने-अपने गृह राज्यों (झारखंड, बिहार, उत्तर और मध्य प्रदेश) की ओर परिवारों संग कूच करने सरकारी आदेशों के उपरांत आज विभिन्न रेलवे स्टेशनों से विदाई के वक्त मजदूरों के चेहरों पर खुशी और खोफ की स्पष्ट झलक झलकती थी। उन्हें जहां अपने रोजगार छिनने का डर था , वही कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच अपनों के पास जाने की खुशी स्पष्ट दिखाई देती थी। इसी दौरान कई दिहाड़ीदार मजदूर जिनका लुधियाना की उन्नति के साथ-साथ कारखाने, हौजरी और साइकिल पार्टस समेत अन्य कारोबार में अहम रोल रहा है, वे अपने-अपने प्रदेशों में बैठे परिजनों और यार-दोस्तों को मोबाइल के जरिए जल्द घर पहुंचने की खुशखबरी देते दिखे। विशेष रेल गाडिय़ां रवाना होने के वक्त तालियों की गडग़ड़ाहट के बीच पंजाब सरकार समेत जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों का उन्होंने जाते आभार जताया।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक आज बाद दोपहर डेढ़ बजे के उपरांत झाडखंड के लिए और देर शाम मध्य प्रदेश के कटनी के लिए विशेष श्रमिक गाडिय़ां रवाना हुई जबकि रात 8 बजे बरेली के लिए भी एक विशेष ट्रेन लुधियाना से चली। आज झारखंड और उत्तर प्रदेश के लिए 2208 यात्रियों को लेकर विशेष ट्रेन रवाना हुई जबकि जालंधर से एक स्पैशल ट्रेन 1188 यात्रियों को लेकर झारखंड के डालटनगंज के लिए लेकर चली। इधर लुधियाना से प्रयागराज जाने वाली पहली मजदूर स्पैशल ट्रेन को रवाना करने के लिए डिप्टी कमीश्रर प्रदीप अग्रवाल और पुलिस कमीश्रर राकेश अग्रवाल भी प्रशासनिक अधिकारियों के साथ विशेष तौर पर प्रदेशों में जा रहे मजदूरों को बाय बाय करने के लिए पहुंचे हुए थे।
पंजाब में कोरोना वायरस के संक्रमण के अब तक मिले कुल 1492 लोगों में से 27 की मौत हो चुकी है। संक्रमण की चेन को ब्रेक करने के लिए देशभर में जारी लॉकडाउन के फेज-3 का बुधवार को तीसरा दिन है। वहीं पंजाब सरकार की तरफ से पूरे प्रदेश में कर्फ्यू लगा हुआ है। जबकि दूसरी तरफ पंजाब सरकार के एक अहम फैसले के मुताबिक दूसरे प्रदेशों से यहां आएं बाहरी लोगों को उनके गृहराज्य भेजे जाने और पंजाबियों को बाहर से लाए जाने का क्रम भी जारी है। 10 लाख से ज्यादा प्रवासियों को भेजने के लिए राज्य सरकार ने विभिन्न जिलों को 35 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं।
बुधवार सुबह जालंधर से उत्तर प्रदेश के श्रमिकों को उनके गृहराज्य भेजा गया। डिप्टी कमिश्नर वरिंदर कुमार शर्मा ने बताया कि आज फिर पहले से रजिस्ट्रेशन करवा चुके 1200 लोगों को एसएमएस के जरिये यात्रा की अनुमति संबंधी जानकारी भेजी गई। जबकि लुधियाना से ट्रेनों के जरिए मजदूरों की वापिसी सुनिश्चित की गई है। बाद दोपहर झारखंड जाने के लिए 1188 यात्री रवाना हुए। प्रशासन ने इन्हें भेजने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सिस्टम को अपनाया है, जिसके तहत खबर लिखे जाने तक 7 लाख प्रवासियों ने अपने-अपने वतन जाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है। प्रशासन लिंक के आधार पर पहले निर्धारित स्थलों से बसों में फिर अन्य जगह पर लाकर हैल्थ सक्रीनिग करता है। सब कुछ संतुष्ट होने के उपरांत बसों के जरिए ही रेलवे स्टेशनों पर लाया जा रहा है, जहां सोशल डिस्टेंट हेतु बेरीकेटिंग की हुई है तथा पुलिस बल की सहायता से एतिहात बरतते हुए ट्रेनों में मजदूरों को बिठाया जा रहा है। अकेले लुधियाना में बाहर जाने के लिए 5 लाख 41 हजार लोगों ने पंजाब छोडऩे के लिए आवेदन किया हुआ है। जबकि ऐसी ही कुछ दशा अन्य हिस्सों से भी है। विशेषज्ञों के मुताबिक अगर पंजाब के लाखों मजदूर 2 या 4 माह के बाद वापिस ना आएं तो पंजाब में आर्थिक संकट बढऩे के पूरे आसार है। कृषि, कारखानेदार और सर्विस सेक्टरों का घूमता पहिया पूर्ण रूप से थम जाएंगा, जो पंजाब के लिए एक बड़ी चुनौती साबित होंगा।
– सुनीलराय कामरेड