राजस्थान के नागौर में दो दलित युवकों को बंधक बनाकर पिटाई करने और विवादित वीडियो बनाये जाने की घटना पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल का बयान सामने आया है। उन्होंने इस पूरी घटना को लेकर राजस्थान की गहलोत सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। दरअसल, वायरल वीडियो में चोरी के आरोप में दो दलित भाइयों को बर्बर तरीके से पीटा गया।
केंद्रीय मंत्री मेघवाल शुक्रवार को पार्टी विधायक मदन दिलावर और मोहन राम चौधरी के साथ नागौर पहुंचे और पीड़ितों से मुलाकात की। मेघवाल घटना स्थल पर भी गए। मेघवाल ने कहा, ‘‘यह पुलिस की विफलता है कि उन्हें समय रहते घटना का पता तक नहीं चला। राज्य के मुख्यमंत्री के पास गृह विभाग भी है लेकिन अपराध पर कोई लगाम नहीं है। इस घटना के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है।’’
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उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस मामले को ‘तोड़ मरोड़’ रही है और पीड़ितों पर दबाव बना रही है। उल्लेखनीय है कि भाजपा ने इस मामले की जांच के लिए मेघवाल की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति गठित की जिसमें मेघवाल के साथ विधायक दिलावर और चौधरी भी शामिल हैं। समिति पांचौड़ी थाने भी गयी जहां घटना को लेकर मामला दर्ज हुआ है।
मेघवाल ने कहा कि समिति अपनी रिपोर्ट शनिवार को पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष को सौंपेगी। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के विधायक नारायण बेनीवाल भी पीड़ितों से उनके गांव में मिले। कांग्रेस ने भी मामले की जांच के लिए समिति बनाई है। इसमें सामाजिक न्याय मंत्री मास्टर भंवर लाल मेघवाल, कांग्रेस के प्रदेश महासचिव महेश शर्मा और विधायक हरीश चंद्र मीणा शामिल हैं, जो शुक्रवार को पीड़ितों से मिल सकते हैं।
पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है। दलित युवकों से मारपीट की यह घटना 16 फरवरी को पांचौड़ी थाना क्षेत्र करणू गांव में मोटरसाइकिल की सर्विस एजेंसी पर हुई। एजेंसी के लोगों ने दो युवकों पर चोरी का आरोप लगाते हुए उनसे बर्बर तरीके से मारपीट की और इसका वीडियो भी बनाया गया। वीडियो वायरल होने पर पीड़ितों ने मामला दर्ज करवाया।
पुलिस महानिदेशक भूपेंद्र सिंह ने जयपुर में कहा कि मामले की पूरी जांच की जा रही है और किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस महानिरीक्षक (मानवाधिकार) को जांच की निगरानी के लिए नागौर भेजा गया है। इस बीच बहुजन समाज पार्टी का एक प्रतिनिधि मंडल पुलिस महानिदेशक से मिला और पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग का ज्ञापन उन्हें सौंपा।