राजस्थान में झुंझुनूं जिले के पिलानी स्थित केन्द्रीय इलेक्ट्रोनिकी अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान में आमजन के लिए बनाई गई क्षीर टेस्टर मशीन को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 26 सितम्बर को देश को समर्पित करेंगे।
देश के सबसे बड़े रिसर्च संस्थान केन्द्रीय इलेक्ट्रोनिकी अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान(सीरी) के 75वें स्थापना दिवस पर दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में यह मशीन राष्ट्रपति द्वारा देश को समर्पित की जाएगी। इस मशीन द्वारा अपने ही घर पर एक मिनट में दूध की शुद्धता की जांच की जा सकेगी। जिले के पिलानी स्थित (सीरी) की 38 रिसर्च लैबों में से एक है जिसने क्षीर टेस्टर तैयार किया है।
प्रोजेक्ट के डॉ़ पी सी पंचारिया ने बताया कि यह प्रोजेक्ट करीब सात साल पहले शुरू हुआ था लेकिन इसे आम व्यक्ति की पहुंच तक लाने के लिए पिछले दो साल से रिसर्च किया जा रहा था जो अब पूरा हो गया है। उन्होंने बताया कि दूध की मिलावट को पकडऩे के लिए पहले सीरी पिलानी के वैज्ञानिकों ने क्षीर स्केनर बनाया है जो फिलहाल देश के 200 जगहों पर काम लिया जा रहा है लेकिन इसकी लागत एक लाख रुपए आई और यह आम आदमी तक पहुंचने की बजाय संस्थानों में ज्यादा उपयोगी दिखाई दिया। ऐसे में अब सीरी ने इसका छोटा रूप क्षीर टेस्टर बनाया है।
इसके बाद उत्साहित वैज्ञानिकों की टीम ने अब दूध से बनने वाले उत्पादों की जांच के लिए भी अपना शोध शुरू कर दिया है और ये शोध भी अंतिम चरण में चल रहा है। जिससे घी सहित अन्य उत्पादों में मिलावट भी घर बैठे एक मिनट में ही पता लग जाएगी।
पिलानी द्वारा इस आमजन से जुड़ी नई तकनीक को इजाद करने वाली टीम को (सीरी) के महानिदेशक डॉ। गिरीश सहानी ने सराहा है और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो आह्वान किया था। उसे पूरा करने के लिए (सीरी) की देशभर में स्थापित 38 लैबों में कुछ ना कुछ हो रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि दो से तीन महीने में यह टेस्टर बाजार में उपलब्ध हो जाएगा और हर व्यक्ति की पहुंच में भी होगा।