हरफनमौला खिलाड़ी बेन स्टोक्स एक बार फिर से टी20 वरसेज टेस्ट क्रिकेट के डिबेट को उजागर कर दिए हैं। उनका मानना है कि टी-20 लीग की वजह से टेस्ट क्रिकेट खतरे में हैं। जैसा कि आप सबको पता ही है कि बीते जुलाई के महिने में ही इस खिलाड़ी ने वनडे क्रिकेट से संन्यास लिया था, ये कह कर कि उनकी शेड्यूल ज्यादा बिजी हो जा रहा है और उनके फिटनेस पर भी असर पड़ रहा हैं। आइए जानते हैं इस वीडियो के जरिए पूरा मामला।

दरअसल सभी को पता है कि टी-20 की लोकप्रियता दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। इस वजह से अलग-अलग देशों में लीग टूर्नामेंट भी शुरू हो गए और क्रिकेट फैंस ने भी इसमें दिलचस्पी दिखाने लगे। वहीं जब से टी-20 का प्रचलन शुरू हुआ है, तब से टेस्ट मैचेस भी कम होने लगे हैं। सबसे पहले आपको बता दें कि जब टी-20 शुरू नहीं हुआ था तब 2000 के वर्ष में 92 टेस्ट मैच खेले गए थे, जिसमें 68 मुकाबले में जीत-हार का परिणाम निकला था, वहीं 2022 की बात करें तो इस वर्ष भी 86 टेस्ट मैच खेले गए है और 74 में परिणाम निकलें हैं। वहीं टी-20 की बात करें तो ऑफिशियली इसकी शुरुआत 2003 में पहली बार इंग्लैंड में हो गई थी, तब इसे टी-20 ब्लास्ट का नाम दिया गया था। उसके बाद 2005 में 4 टी20 मुकाबले खेले गए। उसकी तुलना आज से करें तो लगभग 397 प्रतिशत ज्यादा अब इस फॉर्मेट में मैचेज होते हैं। वहीं इस साल 712 टी-20 मुकाबले खेले गए है सभी देशों को मिलाकर।

देखा जाए तो भले ही टी-20 फॉर्मेट के खेलों में इजाफा हुआ है, मगर टेस्ट मैचों की संख्या कुछ खास कम नहीं हुई है। इसमें मात्र 6 प्रतिशत की ही गिराबट आई है, पर जीत प्रतिशत भी बढ़ गए हैं। वहीं इस बात पर बेन स्टोक्स ने कहा है कि ‘दुनिया में टी-20 लीग की बढ़ती लोकप्रियता टेस्ट के अस्तित्व को खतरे में डाल रही है। टेस्ट शेड्यूल पर उतना ध्यान नहीं दिया जाता, जितना देना चाहिए। दुनिया में बहुत ज्यादा ही क्रिकेट हो रहा है। टी-20 वर्ल्ड कप जीतने के ठीक बाद ऑस्ट्रेलिया-इंग्लैंड में वनडे सीरीज हो गई। यह आयोजन क्या समझदारी भरा था, जबकि सीरीज की अहमियत कम थी। उसे सिर्फ एंटरटेनमेंट के कारण आयोजित किया गया। फैंस भी टेस्ट की जगह नए फॉर्मेट और फ्रेंचाइजी आधारित प्रतियोगिताओं को महत्व दे रहे हैं। बाकी टेस्ट प्लेइंग नेशन को भी टेस्ट क्रिकेट को रोचक बनाने के लिए आक्रामक क्रिकेट खेलना चलना चाहिए। इसे लोकप्रिय बनाने के लिए ICC को भी प्रयास करने हेंगे। हर दिन को मनोरंजक बनाने पर ही ध्यान देना चाहिए।’

उनके इस बात से पता लगता है कि वो टी-20 फॉर्मेट से ज्यादा टी-20 लीग क्रिकेट से परेशानी हो रही है। अब यह उनका इशारा किस तरफ है, ये तो उन्होंने खुल कर नहीं बताया हैं पर इस पर भारत के पूर्व खिलाड़ी मदन लाल ने प्रतिक्रिया दी है कि ‘मुझे नहीं लगता है कि टी-20 लीग से टेस्ट को कोई खतरा है। हां, टी20 जरूर रहने वाली है। इस साल इंग्लैंड ने जिस अटैकिंग अप्रोच के साथ टेस्ट क्रिकेट खेला, उसने इस अप्रोच का एक ट्रेंड सेट किया है। मैं तो यह कहूंगा कि इंग्लैंड ने टेस्ट क्रिकेट को बढ़ावा दिया है। टी-20 में मनोरंजन है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट देखने वाले टेस्ट देखते ही हैं।’ तो बेन स्टोक्स की बात आगे कहा तक जाती है, क्या आईसीसी उनके इस बातों पर ध्यान देना, से तो देखने वाली बात होगी।