भारत ने एशिया कप-2018 के फाइनल मैच में 28 सितंबर को बांग्लादेश को 3 विकेट से हरा खिताब अपने नाम कर लिया। मैच में टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए बांग्लादेश 48.3 ओवर में 222 रन पर सिमट गया। टारगेट का पीछा करते हुए टीम इंडिया ने आखिरी गेंद पर रोमांचक जीत दर्ज की। बता दें कि पहली पारी में बांग्लादेश की शुरुआत शानदार रही और लिटन दास-मेहदी हसन के बीच पहले विकेट के लिए 120 रन की साझेदारी हुई। ये एशिया कप के इतिहास में फाइनल मैच के दौरान दूसरी शतकीय साझेदारी रही। लिटन दास ने अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर का पहला शतक ठोका।
उन्होंने 117 गेंदों में 12 चौकों और 2 छक्कों की मदद से 121 रन की शानदार पारी खेली। वहीं हसन 59 गेंदों में 32 रन बनाकर पवेलियन लौटे। हसन के जाने के बाद इमरूल कायस (2), मुशफिकुर रहीम (5), मोहम्मद मिथुन (2) और महमुदुल्लाह (4) भी जल्द चलते बने। आलम ये रहा कि बांग्लादेश 151 रन तक अपने 5 विकेट खो चुका था। हालांकि सौम्य सरकार ने 33 रन की पारी जरूर खेली, लेकिन टीम 222 रन से ज्यादा नहीं बना सकी। बांग्लादेश की ओर से 8 खिलाड़ी दहाई का आंकड़ा भी ना छू सके। भारत की तरफ से कुलदीप यादव ने सर्वाधिक 3 विकेट चटकाए। उनके अलावा केदार जाधव को 2, जबकि जसप्रीत बुमराह-युजवेंद्र चहल को 1-1 सफलता हाथ लगी।
टीम इंडिया को शिखर धवन के रूप में शुरुआती झटका लगा। धवन 15 रन बनाकर पवेलियन लौटे। वहीं अंबाती रायडू (2) भी कुछ खास नहीं कर सके। हालांकि कप्तान रोहित शर्मा ने टीम को संभालने की कोशिश की, लेकिन 48 रन से ज्यादा का योगदान नहीं दे सके। महेंद्र सिंह धोनी (36) और दिनेश कार्तिक (37) के बीच चौथे विकेट के लिए अर्धशतकीय साझेदारी हुई, जिसने टीम को कुछ हद तक संभालाने की कोशिश की। केदार जाधव 19 रन बना चुके थे, लेकिन पैर में दिक्कत के चलते उन्हें लौटना पड़ा।
रवींद्र जडेजा (23) यहां से भारत को जीत के करीब ले हुए। वह जब आउट हुए, तो एक बार फिर जाधव मैदान पर आए। मैच बेहद रोमांचक मोड़ पर आ चुका था और भारत को 11 गेंदों में 9 रन की दरकार थी। मैच आखिरी ओवर तक गया और फैंस की सांसें अटकी रहीं। केदार जाधव (23) ने कुलदीप यादव (5) के साथ मिलकर मैच की आखिरी गेंद पर भारत की जीत दिलाई। बांग्लादेश की ओर से रूबेल हुसैन और मुस्तफिजुर रहमान को 2-2 सफलता हाथ लगी। उनके अलावा नजमुल इस्लाम, मशरफे मुर्तजा और महमुदुल्लाह को 1-1 विकेट मिला।