मंगलवार को खेल जगत से भारत के लिए बुरी खबर सामने आई है। 2021 में भारत में होने वाले पुरुष विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप की मेजबानी भारत के हाथ से चली गई है। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी महासंघ (एआईबीए) को चैंपियनशिप करवाने के लिए मेजबान फीस चुकानी पड़ती है, अब चूंकि भारतीय महासंघ मेजबानी की फीस नहीं चुका सका जिसके चलते एआईबीए ने भारत से चैंपियनशिप की मेजबानी छीन ली है। हालांकि, भारतीय संघ का कहना है कि एआईबीए ने यह कदम जल्दबाजी में उठाया है।
अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी महासंघ (एआईबीए) ने 2017 में भारत के साथ किया गया करार तोड़कर अब सर्बिया को मेजबानी सौंपी है। भारतीय मुक्केबाजी महासंघ ने स्वीकार किया कि विलंब हुआ है लेकिन कहा कि पैसा किस खाते में भेजना है, इसे लेकर मसले सुलझाने में एआईबीए के नाकाम रहने के कारण यह प्रक्रियागत पेचीदगियां पैदा हुई। करीब 40 लाख डॉलर का यह भुगतान पिछले साल दो दिसंबर को होना था। एआईबीए ने एक बयान में कहा ,‘‘ भारत मेजबान शहर अनुबंध के नियमों के तहत मेजबानी की फीस नहीं भर सका जिससे एआईबीए ने करार तोड़ दिया । भारत को अब करार रद्द होने के कारण 500 डॉलर का जुर्माना भरना होगा।’’
भारत में यह टूर्नामेंट पहली बार होने वाला था। अब यह सर्बिया के बेलग्राद में होगा। भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के अध्यक्ष स्पाइसजेट एयरलाइन के मालिक अजय सिंह है। एआईबीए को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने वित्तीय कुप्रबंधन के कारण निलंबित कर दिया है। बीएफआई ने एक बयान में कहा,‘‘लुसाने में एआईबीए के खाते बंद कर दिये गए हैं। सर्बिया में एक खाते के जरिए उसे कुछ पिछले भुगतान करने थे । सर्बिया चूंकि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ देशों) की ब्लैकलिस्ट में आता है तो भारतीय बैंक आम तौर पर वहां पैसा नहीं भेजते। एआईबीए इस मसले को सुलझा नहीं सका।’’
इसमें कहा गया ,‘‘यह फैसला हमसे मशविरा किये बिना जल्दबाजी में लिया गया है। पेनल्टी लगाये जाने से हम स्तब्ध हैं। हम मिलकर इसका समाधान निकालेंगे। उम्मीद है कि भविष्य में इसकी मेजबानी करेंगे।’’ एआईबीए के अंतरिम अध्यक्ष मोहम्मद मुस्ताहसेन ने कहा ,‘‘सर्बिया खिलाड़ियों, कोचों, अधिकारियों और प्रशंसकों के लिये हर तरह से बेहतरीन आयोजन में सक्षम हैं। ’’