आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह को अशोभनीय आचरण के चलते राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया है।संजय सिंह को सदन में नारेबाजी करने, पेपर फाड़कर स्पीकर की चेयर की ओर उछालने को लेकर मौजूदा हफ्ते की शेष करवाई के लिए निलंबित किया गया है।
उपसभापति हरिवंश ने कहा कि संजय सिंह ने न सिर्फ सदन के नियमों की अवहेलना की बल्कि आसन के निर्देशों का भी उल्लंघन किया और कागज फाड़कर उनके टुकड़े आसन की ओर फेंके। उन्होंने कहा कि संजय सिंह का आचरण सदन की गरिमा के विरूद्ध था।
हरिवंश ने संजय सिंह के खिलाफ नियम 256 लगाए जाने की घोषणा की। यह नियम किसी सदस्य द्वारा अशोभनीय आचरण करने पर उन्हें सदन से निलंबित किए जाने से संबंधित है। संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने इस संबंध में एक प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से स्वीकार कर लिया।
आदेश के बावजूद सदन से बाहर नहीं गए संजय सिंह
इसके बाद उपसभापति ने संजय सिंह को सदन से बाहर जाने का निर्देश दिया लेकिन आप सदस्य सदन से बाहर नहीं गए। इस पर उपसभापति ने 12:03 बजे कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी। दो बार के स्थगन के बाद 12:18 बजे जब उच्च सदन की बैठक शुरू हुई तो उपसभापति हरिवंश ने एक बार फिर संजय सिंह को सदन से बाहर जाने का निर्देश दिया। लेकिन आप सांसद सदन से बाहर नहीं गए। वहीं कुछ सदस्य तख्तियां लेकर आसन के समीप आ गए।
सदन में व्यवस्था नहीं बनते देख उपसभापति ने बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले सुबह सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने सूचित किया कि कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे सहित आठ सदस्यों ने नियम 267 के तहत नोटिस दे कर नियत कामकाज स्थगित करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि ये नोटिस उन्होंने स्वीकार नहीं किए हैं।
सभापति ने कहा कि सदस्यों का मुख्य मुद्दा महंगाई है और शून्यकाल के दौरान सदस्य इस मुद्दे पर अपनी अपनी बात रख सकते हैं। इस पर विपक्षी सदस्यों ने विरोध जताया और हंगामा शुरू कर दिया जिसके बाद सभापति ने 11 बज कर करीब सात मिनट पर ही बैठक दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी।