महाराष्ट्र में राज्य सरकार में शामिल शिवसेना केंद्र सरकार की लगातार आलोचना करती रहती है। इन आलोचनाओं के बावजूद राज्य के सीएम देवेन्द्र फडणवीस ने उम्मीद जताई है कि दोनों पार्टियां 2019 के आम चुनाव और राज्य विधानसभा चुनाव साथ मिल कर लड़ेंगी।
उन्होंने कहा कि शिवसेना इस राजनीतिक तथ्य से वाकिफ है कि अगर दोनों पार्टियां अलग अलग चुनाव लड़ती हैं तो उन्हें नुकसान होगा, क्योंकि कांग्रेस, राकांपा तथा अन्य के एकसाथ आने से विपक्ष का वोट बैंक संगठित हो गया है. बुधवार को फडणवीस सरकार के चार साल पूरे हो रहे हैं।
आपको बता दे कि बुधवार को फडणवीस सरकार के 4 साल पूरे हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने सोमवार को देर रात चुनिंदा पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्हें नहीं लगता कि आम चुनाव और राज्य विधानसभा चुनाव एकसाथ होंगे और महाराष्ट्र भाजपा ने इस विचार का विरोध किया है।
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इस दौरान उन्होंने हाल की मीडिया की उन रिपोर्टों को बकवास बताया जिसमें दिल्ली की एक एजेंसी के सर्वेक्षण के हवाले से कहा गया है कि भाजपा के छह सांसद और 50 विधेयक अपने खराब प्रदर्शन के कारण चुनाव में हार का सामना कर सकते हैं।
वही , आपको ये भी बता दे कि शिवसेना पिछले कुछ महीनों से लगातार अकेले चुनाव लड़ने की बात कर रही है। पिछले दिनों शिवसेना की राष्ट्रीय परिषद ने ‘स्वबल’ पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव पारित किया था। दूसरी तरफ बीजेपी के नेता बार-बार शिवसेना के साथ चुनावी गठबंधन की बात कर रहे हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री का यह बयान काफी महत्वपूर्ण है।
इसके पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने महाराष्ट्र में पार्टी कार्यकर्ताओं को 2019 का लोकसभा चुनाव शिवसेना के बिना लड़ने की तैयारी करने को कहा था। उन्होंने महाराष्ट्र के भाजपा कार्यकर्ताओं को सभी 48 लोकसभा और 288 विधानसभा सीटों पर अकेले लड़ने के लिए संगठन मजबूत करने के निर्देश दिए थे। शाह ने कहा था कि सभी सीटों पर ऐसी स्थिति होनी चाहिए कि तीनों पार्टियों शिवसेना, कांग्रेस व एनसीपी के एक साथ लड़ने पर भी चुनाव बीजेपी जीते।