कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद ने सियासत से सन्यास लेने के संकेत दिए हैं। हालांकि, उन्होंने इसको लेकर स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा। रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान आज़ाद ने जम्मू-कश्मीर, राजनीति, रूस-यूक्रेन समेत कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। इस दौरान उन्होंने कहा कि अचानक से किसी दिन आपको पता चले कि मैं संन्यास ले चुका हूं और समाज सेवा करने लगा हूं।
कांग्रेस की हार के बाद से सुर्खियों में आज़ाद
पांच राज्यों में कांग्रेस की चुनावी हार के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता और जी-23 गुट के मुख्य सदस्य आज़ाद सुर्खियों में बने हुए हैं। इस पूरे विवाद के दौरान गुलाम नबी आज़ाद ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर पार्टी को मजबूत करने की बात कही थी।
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन और वरिष्ठ वकील एमके भारद्वाज की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में कांग्रेस नेता ने कहा, ‘हमको एक समाज में बदलाव लाना है। कभी-कभी मैं सोचता हूं, और कोई बड़ी बात नहीं है कि अचानक आप समझें कि हम रिटायर हो गए और समाजसेवा में लग गए।’
उन्होंने कहा, ‘भारत में राजनीति इतनी खराब हो गई है कि कई बार शक होता है कि क्या हम इंसान हैं।’ कार्यक्रम में चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अरुण गुप्ता, जम्मू यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति आरआर शर्मा और आरडी शर्मा, पूर्व एड्वोकेट जनरल असलम गोनी समेत कई बड़े नाम मौजूद थे।
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आजाद ने कहा, ‘हम सब अगर एक शहर को एक प्रोविंस को ठीक करेंगे, तो पूरा हिंदुस्तान ठीक होगा।’ इस दौरान उन्होंने बदलाव लाने के लिए किसी भी राजनीतिक दल की क्षमताओं पर संदेह जताया। उन्होंने कहा, ‘हमने इलाके के नाम पर बांट दिया लोगों को… फिर रीजन के नाम पर बांट दिया, गांव और शहर के नाम पर बांट दिया।’ भाषण के अंत में उन्होंने कहा, ‘मैं अपने आप को अपनी इंडिविजुअल कैपेसिटी में… एक इंसान की कैपेसिटी में… उस असली काम के लिए, सेवा के लिए, इंसान के लिए, अपने आप को समर्पित करता हूं। जब भी आप चाहेंगे मुझे अपने साथ देखेंगे।’
जम्मू और कश्मीर को लेकर कांग्रेस नेता ने कहा कि आतंकवाद ने यहां कई जिंदगियां तबाह कर दी हैं, जिसमें पाकिस्तान बड़ी भूमिका निभा रहा है। आतंकवादियों ने सुरक्षाकर्मियों, पुलिसकर्मियों को मारा और कई को विधवा बना दिया, फिर चाहे वे कश्मीरी पंडित हों या कश्मीरी मुस्लिम। उन्होंने कहा कि जान गंवाने वाली बात को राजनीतिक रंग देना गलत है, क्योंकि क्षेत्र में सभी लोग आतंकवाद से प्रभावित हैं।