इस समय बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह खूब चर्चा में बने हुए है। बता दें उन्होंने एक विवादित बयान दिया जिसकी वजह से लगातार चंद्रशेखर पर आरोप लग रहे है। बीते दिनों उन्होंने रामचरितमानस को ‘समाज में नफरत फैलानी’ वाली किताब करार दिया। इसके बाद बिहार की सियासत तेजी से गरमाई।
बात दें कि विपक्ष में बैठी बीजेपी ने तो मंत्री पर निशाना साधा ही, बल्कि आरजेडी के नेता भी बयान को लेकर अब खुलकर अपने विचार रख रहे हैं. अभी तक के आए बयानों से ये तो साफ हो गया है कि चंद्रशेखर पर पार्टी (राजद) दो फाड़ में बंट गई है।
चंद्रशेखर ने किया दावा
दरअसल, उन्होंने कहा कि रामचरितमानस ग्रंथ समाज में नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है। यह समाज में पिछड़ों, महिलाओं और दलितों को शिक्षा हासिल करने से रोकता है। यह उन्हें बराबरी का हक देने से रोकता है। चंद्रशेखर ने दावा किया कि बाबा साहब अंबेडकर भी मनुस्मृति के खिलाफ थे। मनुस्मृति के बाद रामचरितमानस ने नफरत के इस दौर को आगे बढ़ाया।
नित्यानंद राय तक ने की चंद्रशेखर की खूब निंदा
आरजेडी में तो साफतौर पर दो फाड़ नजर आ रहा है. वहीं, विपक्षी पार्टी यानी बीजेपी (BJP) इसी मौके का पूरा फायदा उठाती हुई नजर आ रही है। गिरीराज सिंह से लेकर केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे और केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय तक ने चंद्रशेखर की खूब निंदा की।गिरीराज सिंह ने कहा, ”चंद्रशेखर ने रामचरितमानस के साथ-साथ हिंदुओं का भी अपमान किया.” वहीं, अश्विनी चौबे ने तो चंद्रशेखर को अज्ञानी मंत्री तक कह दिया। उन्होंने कहा, “प्रभु श्रीराम बिहार सरकार को सद्बुद्धि दें.”