भारत ने चंद्रयान-3 मिशन की लॉन्चिंग के कुछ ही दिनों बाद अपने सोलर मिशन ‘आदित्य L1’ की घोषणा की है। यह मिशन सूरज के ऊपरी वायुमंडल का अध्ययन करेगा और हमें सूरज की बाहरी परत के बारे में नई जानकारियां प्रदान करेगा। इस तरह, भारत अंतरिक्ष में एक और महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है, जहां वो सूरज के रहस्यों की खोज में अपनी यात्रा पर जाने वाला है।
मिशन का उद्देश्य
आदित्य L1 मिशन का मुख्य उद्देश्य सूरज की बाहरी परत की जानकारियां जुटाना है। इसके लिए भारत एक सैटेलाइट को सूर्य के लग्रेंज प्वाइंट 1 पर स्थापित करेगा, जो कि ग्रैविटी वाले क्षेत्र से बाहर होता है। भारत के लिए आदित्य L1 मिशन अंतरिक्ष विज्ञान में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे हम सूरज के रहस्यों को समझ सकते हैं और नई जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं।
मिशन की प्रक्रिया
आदित्य L1 मिशन की लॉन्चिंग पृथ्वी से होगी और यह सूरज के लग्रेंज प्वाइंट 1 पर पहुंचने में करीब 125 दिन का समय लेगा। मिशन के चार चरण होंगे, जिसमें सैटेलाइट की ऑर्बिट को बढ़ाना और सूर्ययान को पृथ्वी की ग्रैविटी से बाहर निकालना शामिल है।
लॉन्चिंग का समय
इस मिशन की लॉन्चिंग सतीश धवन स्पेस सेंटर से होगी, और इसकी प्रक्रिया में तीन चरण होंगे, जिनमें PSLV रॉकेट की लॉन्चिंग और सैटेलाइट की ओरबिट में स्थापना शामिल है।