भारत अगले कुछ महीने में इजराइल से लंबे समय तक उड़ने वाले चार हेरोन ड्रोन लीज पर लेगा ताकि चीन के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपनी निगरानी क्षमता को मजबूत कर सके।
इस बात से अवगत सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना तीन साल के लिए मध्यम ऊंचाई तक उड़ने वाले हेरोन ड्रोन हासिल कर रही है और उनमें से दो अगस्त तक आ जाएंगे। ये ड्रोन करीब 45 घंटे तक 35 हजार फुट की ऊंचाई तक उड़ने में सक्षम हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष की शुरुआत में ड्रोन हासिल करने का समझौता हुआ था।
हेरोन टीपी ड्रोन स्वचालित टैक्सी टेक-ऑफ एवं लैंडिंग (एटीओएल) और उपग्रह संचार (सैटकॉम) से लैस हैं। उन्होंने बताया कि ड्रोन में लंबी रेंज वाले निगरानी कैमरे तथा अन्य अत्याधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे। चार हेरोन ड्रोने के अलावा कई अन्य छोटे ड्रोन भी सेना खरीद रही है जिसका इस्तेमाल बटालियन स्तर के सैनिकों को उपलब्ध कराए जाएंगे। ये ड्रोन सैनिक खुद संचालित करेंगे। बता दें कि पिछले कुछ महीनों में भारतीय सेना उन हथियारों को हासिल करने में जुटी हुई है जो कि चीन के साथ चल रहे संघर्ष में उनकी मदद कर सकते हैं।
इन ड्रोनों की पीएम मोदी की नेतृत्व वाली सरकार की ओर से रक्षा बलों को गई आपतकालीन वित्तीय शक्तियों के तहत की जा रही है। सेना को आपताकालीन वित्तीय मदद के रूप में 500 करोड़ रुपए दिए गए हैं जिसका इस्तेमाल वो उपकरण और सिस्टम खरीदने में कर सकते हैं।
पूर्वी लद्दाख में पिछले वर्ष मई में भारत और चीन के सैनिकों के बीच तीखी झड़प होने के बाद से भारत 3400 किलोमीटर लंबी एलएसी पर निगरानी क्षमता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। भारत अमेरिका से अपनी तीनों सेनाओं के लिए तीन अरब डॉलर में बहुद्देशीय प्रीडेटर ड्रोन भी खरीदने की योजना बना रहा है।