चीन की चालाकियों पर भारतीय सेना की बढ़ेगी नजर! काराकोरम वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी से होकर गुजरेगी सड़क - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

चीन की चालाकियों पर भारतीय सेना की बढ़ेगी नजर! काराकोरम वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी से होकर गुजरेगी सड़क

भारत के चीन के साथ रिश्ते पिछले कुछ सालों से काफी तनावपूर्ण बने हुए है। पूर्वी लद्दाख से लेकर अरूणाचल प्रदेश तक स्थिति अभी भी सुधरी नहीं है। ऐसे में नेशनल बोर्ड ऑफ वाइल्ड लाइफ ने चीन बॉर्डर तक एक और सड़क बनाने की हरी झंडी दे दी है।

भारत के चीन के साथ रिश्ते पिछले कुछ सालों से काफी तनावपूर्ण बने हुए है। पूर्वी लद्दाख से लेकर अरूणाचल प्रदेश तक स्थिति अभी भी सुधरी नहीं है। ऐसे में नेशनल बोर्ड ऑफ वाइल्ड लाइफ ने चीन बॉर्डर तक एक और सड़क बनाने की हरी झंडी दे दी है। यह सड़क लद्दाख के सासेर ला को सासेर ब्रंग्सा से जोड़ेगी। जानकारी के मुताबिक, यह सड़क दौलत बेग ओल्डी हाईवे के लिए एक वैकल्पिक मार्ग की तरह होगी।   
नहीं होगा वाइल्ड लाइफ को नुकसान 
सामरिक और रणनीतिक तौर से महत्वपूर्ण यह सड़क काराकोरम वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी से होकर गुजरेगी। 55 हेक्टेयर वाले इस सैंक्चुअरी में वाइल्ड लाइफ की रक्षा करते हुए सड़क का निर्माण किया जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक वाइल्ड लाइफ बोर्ड ने 25 मार्च को सड़क निर्माण के लिए इस शर्त पर मंजूरी दी है कि हर हाल में सालाना अनुपालन रिपोर्ट जमा की जाएगी। 
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एप्रोच रोड सासेर ला के पास ऑल वेदर टनल कनेक्टिविटी के लिए महत्वपूर्ण है। नया रोड दौलत बेग ओल्डी के पास ही है जो कि 2020 से जारी भारत-चीन बॉर्डर गतिरोध के प्रमुख कारणों में से एक रहा है जो कि चीन बॉर्डर के करीब है। रिपोर्ट के मुताबिक नए रोड के बन जाने से भारतीय सेना को एक और वैकल्पिक सड़क का रास्ता मिला जाएगा जिससे सैन्य रसद पहुंचाने में और आसानी होगी।  

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भारतीय सेना को सैन्य सहायता पहुंचाने में होगी आसानी 
पर्यावरण मंत्रालय राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए सीमा सड़कों के लिए हरित मानदंडों को आसान बनाने के अलावा, विशेष रूप से भारत-चीन सीमा पर रणनीतिक प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दे रहा है। दौलत बेग ओल्डी क्षेत्र, देपसांग के मैदान और काराकोरम दर्रे तक पहुंचने के लिए वैकल्पिक दृष्टिकोण के रूप में 30 किलोमीटर का रोड विकसित किया जा रहा है। अभी तक सिर्फ 255 किमी लंबी दरबुक-श्योक-डीबीओ सड़क के जरिए ही उस इलाके तक पहुंचा जा सकता है, जो कि अतिसंवेदनशील है।  
गौरतलब है कि भारत-चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले शेष बिंदुओं जैसे पैट्रोलिंग पॉइंट 15 (हॉट स्प्रिंग्स), देपसांग बुलगे और डेमचोक में तनाव घटाने के बारे में बात कर रहा है। पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद पांच मई 2020 को भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध शुरू हुआ। दोनों पक्षों ने धीरे-धीरे हजारों सैनिकों के साथ-साथ भारी सैन्य साजो सामान की तैनाती कर दी।  

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