Morbi Bridge Accident : मोरबी हादसे में 80 से ज्यादा लोगों की मौत , 65 घायल, 50 से अधिक अब भी लापता - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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Morbi bridge accident : मोरबी हादसे में 80 से ज्यादा लोगों की मौत , 65 घायल, 50 से अधिक अब भी लापता

गुजरात के मोरबी शहर में रविवार की शाम माच्छू नदी पर बना केबल पुल टूटने से महिलाओं एवं बच्चों समेत 80 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

गुजरात के मोरबी शहर में रविवार की शाम माच्छू नदी पर बना केबल पुल टूटने से महिलाओं एवं बच्चों समेत 80 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों के अनुसार, यह पुल करीब एक सदी पुराना था और मरम्मत एवं नवीनीकरण कार्य के बाद हाल ही में इसे जनता के लिए खोला गया था। अधिकारियों ने कहा कि जनता के लिए चार दिन पहले ही फिर से खोले गए इस पुल पर लोगों की काफी भीड़ थी। उन्होंने बताया कि पुल शाम करीब साढ़े छह बजे टूट गया।
गुजरात के मंत्री बृजेश मेरजा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हादसे में कम से कम 60 लोगों की मृत्यु हो गई।’’
वहीं, अपुष्ट सूचनाओं के अनुसार हादसे में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि अंग्रेजों के समय के इस ‘‘हैंगिंग ब्रिज’’ पर उस समय कई महिलाएं और बच्चे थे, जब वह टूट गया। इससे लोग नीचे पानी में गिर गए।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि कुछ लोगों को पुल पर कूदते और उसके बड़े तारों को खींचते हुए देखा गया। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि पुल उस पर ‘लोगों की भारी भीड़’ के कारण टूट कर गिर गया हो। उन्होंने बताया कि पुल गिरने के चलते लोग एक दूसरे के ऊपर गिर पड़े।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, ‘‘मैं अपने कार्यालय समय के बाद दोस्तों के साथ नदी के किनारे आया था जब हमने पुल के टूटने की आवाज़ सुनी। हम वहां पहुंचे और लोगों को बचाने के लिए पानी में कूद गए। हमने कुछ बच्चों और महिलाओं को बचाया।’’
घटना में घायल हुए एक व्यक्ति ने कहा कि दुर्घटना अचानक हुई और हो सकता है कि यह हादसा पुल पर बहुत अधिक लोगों के कारण हुआ हो।
दीपावली की छुट्टी और रविवार होने के कारण प्रमुख पर्यटक आकर्षण पुल पर पर्यटकों की भीड़ उमड़ी हुई थी।
एक निजी संचालक ने लगभग छह महीने तक पुल की मरम्मत का काम किया था। पुल को 26 अक्टूबर को गुजराती नववर्ष दिवस पर जनता के लिए फिर से खोला गया था।
दमकल विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि लोगों को नदी से निकालने के लिए नावों का इस्तेमाल किया जा रहा है। अधिकारी ने कहा, ‘‘हम नावों की मदद से बचाव कार्य कर रहे हैं। नदी में करीब 40-50 लोग हैं।’’
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने तीन टीमों को मोरबी जिले में भेजा है।
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि वह त्रासदी से दुखी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘प्रशासन द्वारा राहत और बचाव अभियान जारी है। प्रशासन को घायलों के तत्काल इलाज की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है। मैं इस संबंध में जिला प्रशासन के लगातार संपर्क में हूं।’’
मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि पुल गिरने से घायल हुए लोगों के इलाज के लिए सिविल अस्पताल में एक ‘आइसोलेशन वार्ड’ भी बनाया गया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुर्घटना के संबंध में मुख्यमंत्री पटेल और अधिकारियों से बात की। मोदी इस समय गुजरात में हैं।
पीएमओ ने कहा, ‘‘उन्होंने (प्रधानमंत्री मोदी) बचाव अभियान के लिए दलों को तत्काल तैनात करने को कहा है। उन्होंने स्थिति पर कड़ी निगरानी रखने और प्रभावित लोगों की हर संभव मदद करने को कहा है।’’
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पुल टूटने की घटना पर दुख व्यक्त किया और अन्य व्यक्तियों को सुरक्षित बचाये जाने की प्रार्थना की।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि वह पुल टूटने की घटना से बहुत दुखी हैं और उन्होंने राज्य में पार्टी कार्यकर्ताओं से बचाव कार्य में हर संभव सहायता देने की अपील की।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कहा कि पुल गिरने की खबर बहुत दुखद है। उन्होंने ने भी सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं से घायलों की हर संभव मदद करने की अपील की।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) नेता बिनॉय विश्वम ने पुल टूटने की घटना पर भाजपा पर निशाना साधते हुए दावा किया कि यह घटना राज्य सरकार की ‘घोर लापरवाही’ की ओर इशारा करती है।

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