सरकार ने राष्ट्रीय आयुष मिशन को पांच वर्ष के लिए बढ़ते हुए इसे वर्ष 2025-26 तक जारी रखने का निर्णय लिया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस संबंध में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा कि कोरोना काल में आयुष मंत्रालय की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। राष्ट्रीय आयुष मिशन को एक अप्रैल 2021 से लेकर 31 मार्च 2026 तक जारी रखने का निर्णय लिया गया है। इस पर कुल 4607 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें केंद्र सरकार की तीन हजार करोड़ जबकि राज्य सरकारों की 6407 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी होगी।
उन्होंने कहा, ‘इस मिशन के तहत देशभर में 12,000 आयुष‘वेलनेस’केंद्र, स्थापित किए जाएंगे। छह आयुष महाविद्यालय और 12 आयुष स्नातकोत्तर संस्थाओं का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा 10‘अंडर ग्रेजुएट’संस्थानों के आधारभूत संरचना में सुधार किया जाएगा। ‘ अनुराग ठाकुर ने कहा ‘इस मिशन को बीमारियों से बचाव के उपायों पर केंद्रित किया जाएगा। लोगों के बीच प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इससे बीमारियों की रोकथाम होगी। स्वास्थ्य व्यवस्था पर बीमारी का भार कम होगा।’ उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय आयुष मिशन की शुरुआत 15 सितंबर 2014 को की गयी थी। कोरोना काल को देखते हुए सरकार के इस फैसले को अहम माना जा रहा है। कोरोना से बचाव और इलाज में आयुष विभाग ने कई आयुर्वेदिक दवाओं के प्रचलन को बढ़वा दिया।