PM मोदी ने शनिवार को साबरमती नदी पर फुट ओवर ब्रिज यानी अटल पुल का उद्धाटन किया। वहीं उसके बाद उन्होंने खादी उत्सव कार्यक्रम को संबोधित किया।
7,500 बहनों और बेटियों ने एक साथ सूत कातकर रचा इतिहास
दरअसल, इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि साबरमती का यह तट आज धन्य हो गया है। आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 7,500 बहनों और बेटियों ने एक साथ चरखा पर सूत कातकर एक नया इतिहास रचा है। बता दें, चरखा गांधी जी की पहचान है और इसे चलाना शुभ कार्य करना है।
पीएम मोदी ने चलाया चरखा
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे भी चरखे पर सूत कातने का मौका मिला। मुझे यकीन है कि यहां मौजूद हर कोई इस कार्यक्रम को देखने वाला हर कोई आज यहां ‘खादी उत्सव’ की ऊर्जा को महसूस कर रहा होगा। स्वतंत्रता के अमृत उत्सव में देश ने आज ‘खादी उत्सव’ मनाकर अपने स्वतंत्रता सेनानियों को एक खूबसूरत तोहफा दिया है।
अटल ब्रिज का उद्घाटन
आज के दिन गुजरात राज्य में खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के नए भवन और साबरमती नदी पर भव्य अटल पुल का भी उद्घाटन किया गया है। मैं गुजरात के लोगों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं। अटल ब्रिज न केवल साबरमती नदी के दो किनारों को जोड़ रहा है, बल्कि यह डिजाइन और नवाचार में भी अभूतपूर्व है। इसके डिजाइन में गुजरात के प्रसिद्ध पतंग उत्सव का भी ध्यान रखा गया है।
मन भी तिरंगा, तन भी तिरंगा, भावना भी तिरंगा
इतिहास गवाह है कि खादी का एक धागा स्वतंत्रता आंदोलन की ताकत बना। उसने गुलामी की जंजीरें तोड़ दीं। खादी का वही धागा विकसित भारत के वादे को पूरा करने, आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकता है। कुछ दिन पहले गुजरात समेत पूरे देश ने आजादी के 75 साल पूरे होने पर अमृत महोत्सव को बड़े उत्साह के साथ मनाया है। गुजरात में भी जिस तरह गांव-गांव, गली-गली, हर घर तिरंगे को लेकर उत्साहित है, और चारों तरफ मन का तिरंगा, तन का तिरंगा, आत्मा का तिरंगा.. इसकी तस्वीरें देखीं।
मैं ‘पंच प्रण’ को फिर से दोहराना चाहता हूं-
1- विकसित भारत बनाने का लक्ष्य
2- गुलामी की मानसिकता का पूरी तरह से त्याग
3- अपनी विरासत पर गर्व
4- राष्ट्र की एकता बढ़ाने का पुरजोर प्रयास
5- हर नागरिक का कर्तव्य
खादी देश स्वाभिमान
आज का खादी उत्सव भी इन्हीं पंच प्राणों का सुन्दर प्रतिबिम्ब है। स्वतंत्रता आंदोलन के समय जिस खादी को गांधी जी ने देश का स्वाभिमान बनाया, वही खादी आजादी के बाद हीन भावना से भरी हुई थी। इससे खादी और खादी से जुड़े ग्रामोद्योग पूरी तरह से नष्ट हो गए। खादी की यह स्थिति खासकर गुजरात के लिए बहुत दर्दनाक थी।
खादी फॉर नेशन, खादी फॉर फैशन
हमने खादी को राष्ट्र के लिए खादी, खादी को फैशन में बदलने का संकल्प जोड़ा। हमने गुजरात की सफलता के अनुभवों को पूरे देश में फैलाना शुरू किया। देश भर में खादी से जुड़ी जो समस्याएं थीं, उन्हें दूर किया गया। हमने देशवासियों को खादी उत्पाद खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया। आज पहली बार भारत के खादी और ग्रामोद्योग का कारोबार एक लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है।
खादी की बिक्री में कई गुना इजाफा
खादी से जुड़ने के लिए आज भारत का शीर्ष फैशन ब्रांड आगे आ रहा है। आज भारत में खादी का रिकॉर्ड उत्पादन और रिकॉर्ड बिक्री है। खादी की बिक्री पिछले 8 सालों में 4 गुना से ज्यादा बढ़ी है। खादी टिकाऊ कपड़ों का एक उदाहरण है। खादी पर्यावरण के अनुकूल कपड़ों का एक उदाहरण है। खादी में सबसे कम कार्बन फुटप्रिंट है।
खादी हमारे इतिहास, विरासत का अभिन्न अंग
ऐसे कई देश हैं जहां तापमान अधिक है, खादी स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए खादी वैश्विक स्तर पर एक बड़ी भूमिका निभा सकती है। जो देश अपने इतिहास को भूल जाते हैं, वे नया इतिहास नहीं रच सकते। खादी हमारे इतिहास, विरासत का एक अभिन्न अंग है। जब हम अपनी विरासत पर गर्व करते हैं, तो दुनिया भी उसका सम्मान करती है।
प्रधानमंत्री करेंगे वीर बालक स्मारक का अनावरण
पिछले दशकों में विदेशी खिलौनों की दौड़ में भारत का अपना समृद्ध खिलौना उद्योग नष्ट हो रहा था। सरकार के प्रयासों से खिलौना उद्योग से जुड़े हमारे भाई-बहनों की मेहनत से हालात बदलने लगे हैं। अब विदेशों से आयातित खिलौनों में भारी गिरावट आई है। पीएम मोदी रविवार को कच्छ के अंजार कस्बे में वीर बालक स्मारक का अनावरण करेंगे।