कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को कोरोना वायरस (कोविड-19) के समाधान के लिए वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की सेवा लेने की पैरवी की। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट का नवोन्मेषी समाधान तलाशने के लिए वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और डेटा विशेषज्ञों को काम पर लगाने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना वायरस एक चुनौती के साथ एक अवसर भी है।
The #Covid19 pandemic is a huge challenge but it is also an opportunity. We need to mobilise our huge pool of scientists, engineers & data experts to work on innovative solutions needed during the crisis.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 18, 2020
राहुल ने ट्वीट कर कहा कि “कोविड-19 महामारी बहुत बड़ी चुनौती है, लेकिन यह एक अवसर भी है। हमें अपने वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और डेटा विशेषज्ञों को संकट के इस समय में नवोन्मेषी समाधान के लिए काम पर लगाने की जरूरत है।” वहीं इससे पहले कोविड-19) प्रसार को रोकने के लिए केंद्र द्वारा लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
इस मौके पर उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग और ज्यादा से ज्यादा कोरोना टेस्ट कराए जाने पर जोर दिया। राहुल गांधी ने कोरोना से निपटने के लिए लगाए गए लॉकडाउन को पॉज बटन बताया । उन्होंने कहा कि लॉकडाउन किसी भी तरह से कोविड-19 को फैलने से रोकने का समाधान नहीं है। यह सिर्फ एक पॉज बटन की तरह है। उन्होंने कहा कि जब हम लॉकडाउन से बाहर आएंगे तो वायरस अपना काम फिर से शुरू करने वाला है।
दुनियाभर में कोविड-19 से मृतकों की संख्या हुई 150,000 के पार, 22 लाख से अधिक लोग संक्रमित
राहुल ने कहा कि अब भारत एक आपातकालीन स्थिति में पहुंच चुका है। भारत को एकजुट होकर इसके खिलाफ लड़ना होगा। राहुल ने कहा कि लॉकडाउन से कोरोना वायरस संकट का स्थायी समाधान नहीं होगा, बल्कि बड़े पैमाने पर और रणनीतिक रूप से जांच से ही इस वायरस को पराजित किया जा सकता है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से यह आग्रह भी किया कि राज्यों और जिलों को पर्याप्त संसाधन मुहैया कराए जाएं। बता दें कि भारत में कोरोना वायरस के अब तक 14000 से अधिक मामले आ चुके हैं और 480 लोगों की इससे मौत हो चुकी है।