इंडिया गठबंधन की दो दिवसीय बैठक अब समाप्त हो चुकी है । बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए वायानाड के सांसद राहुल गांधी ने कहा कि उनके साथ आए दल देश की जनता का 60% प्रतिनिधित्व करते हैं। राहुल गांधी ने दावा किया कि यदि सब अगर मजबूती के साथ मिलकर लड़े तो इस बार भाजपा की हार तय है । बता दे की इंडिया गठबंधन का निर्माण ही भाजपा सरकार को केंद्र से हटाने के लिए किया गया था। इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए और इंडिया गठबंधन आमने-सामने मुकाबले में दिखाई देने वाली है। लेकिन सवाल तो यह उठता है कि क्या इंडिया गठबंधन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर भारी पड़ रहा है? यह कहना कितना आसान है लेकिन भाजपा भी इंडिया गठबंधन के खतरे को बेखुदी से भांप रही है इंडिया गठबंधन के नामकरण के दिन से ही भाजपा ने जिस तरह हमलावर का रुख अपनाया है उसी से यह स्पष्ट हो जाता है कि वह 2014 और 2019 के जीत की तरह ही मिली जीत पर गठबंधन इंडिया को कमजोर करने के कई पैत्रे आजमा रही है।
क्यों बुलाया जा रहा है विशेष सत्र?
बता दे की 18 से 22 सितंबर के बीच 5 दोनों का विशेष सत्र चलने वाला है जिस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ले गए घोषणा पत्रों में दिए गए मुद्दों को भी सामने लाया जाएगा । जिसमें से एक यूनिफॉर्म सिविल कोड है और दूसरा एक देश एक चुनाव। साल के आखिरी महीने में सत्ता पक्ष की पार्टी का इस तरह विशेष सत्र बुलाने की बात काफी आश्चर्यजनक है क्योंकि इस बार सभी पार्टियां एक जुटता दिखाकर सत्ता पक्ष की पार्टी भाजपा को राजनीति से धकेलना की कोशिश कर रही है । लेकिन अब तो सवाल यह उठ रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह विशेष सत्र क्या आईडिया गठबंधन पर भारी पड़ेगा? इसीलिए हमारा ये जानना जरूरी है की संसद मे विशेष सत्र क्यों बुलाया गया है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कई ऐतिहासिक कार्य की है इन कार्य और उनके सेवा भाग के कारण ही आज पीएम मोदी की लोकप्रियता विदेश तक है इस बात पर पूरी पार्टी पूरी तरह से एक मत में है कि उनके नेतृत्व में चुनाव में जाने पर पार्टी की तीसरी बार भी जीत संभव है बता दे की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब साल 2014 में पीएम के पद में बैठे तब उनके घोषणा पत्र में तीन बातों को पूरा करने का वादा किया गया था। जिस कारण यह पार्टी इस बार विशेष सत्र बुलाकर इन मुद्दों पर भी बात करना चाहती हैं।
इन मुद्दों पर मिलेगा पीएम मोदी को चुनाव में सहारा
केंद्र सरकार ने जो विशेष सत्र बुलाया है उसी को पाने की कोशिश की जा रही है जिसमें समान नागरिक संहिता जनता के बीच राष्ट्रवाद की भावना पैदा करेंगे जिसकी पार्टी को तलाश है और यही कारण है कि अगले संसद सत्र में से लाया जा सकता है साथ ही इसको 2024 के सहारे के रूप में तैयार किया जा रहा है वही इस सत्र के दौरान मोदी सरकार महिला आरक्षण की मांग को पूरा करने का स्वयं को महिलाओं को सबसे बड़ा हितेश सिद्ध करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। महिला आरक्षण पर संसद में हुई चर्चा अगर पास हो जाती है तो पूरे भारत देश की महिलाओं की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक बड़ा सहयोग मिलेगा। धीरेंद्र कुमार ने कहा है कि भाजपा सरकार ने साल 2019 में लोकसभा चुनाव के अपनी घोषणा पत्र में एक राष्ट्र एक चुनाव कराने के नियम लाने का वादा भी किया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद ही इस बात को लाल किले से पूरी जनता तक पहुंचाई।