उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने छात्रों का आह्वान किया है कि वे पानी और प्लास्टिक के उपयोग के संबंध में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दी गई नसीहतों का पालन करते हुए देश की सेवा में जुट जाएं। वह पं. दीनदयाल उपाध्याय पशुचिकित्सा विज्ञान विवि एवं गौ अनुसंधान संस्थान के नौवें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रही थीं।
उन्होंने विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे जीवन के मार्ग को समझकर समाज के कर्ज को उतारने के काम में जुट जाएं। उन्हें हर कदम पर सफलता मिलती रहेगी। राज्यपाल ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने स्वच्छता अभियान चलाया। इसमें लोग जुड़े और देखते ही देखते देश में गंदगी के खिलाफ एक माहौल तैयार हो गया।
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अब हमें ऐसा ही काम प्लास्टिक से निजात पाने की दिशा में भी करना चाहिए। यही प्लास्टिक की थैलियां खाकर गाएं मर रही हैं। उनके पेट से 20-20 किलोग्राम तक प्लास्टिक निकल रही है।’’ उन्होंने अपील की कि हम सभी कपड़े के, जूट के थैलों का प्रयोग करें। हर प्रकार से प्लास्टिक के उपयोग को टालें, तभी यह पर्यावरण शुद्ध हो सकेगा व अगली पीढ़ी जीवित रह सकेगी।
उन्होंने कम से कम पानी में सिंचाई करने के संसाधनों, वर्षाजल को सहेजने, ड्रिप इरिगेशन अपनाने जैसे उपायों पर बल दिया। राज्यपाल ने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए खेती के साथ-साथ पशुपालन की महत्ता तथा गौवंश के पालन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि गाय एक ऐसा पशु है जिसका हर उत्पाद हमारे लिए लाभदायक है। इस सरकार ने नष्ट हो रही देशी नस्लों के संरक्षण के लिए गोकुल धाम परियोजना के माध्यम से बड़ा काम किया है और सौभाग्य यह है कि इस विवि में इस योजना पर काम हो रहा है।
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कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के पूर्व सचिव एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व महानिदेशक प्रो. मंगला राय ने कहा कि आजादी के बाद से हमारी आबादी में चार गुना वृद्धि हो चुकी है। इसलिए सभी देशवासियों की भूख मिटाना वैज्ञानिकों के लिए भी एक चुनौती है। उन्होंने जोर दिया कि हमें प्रति हैक्टेअर खेती से होने वाले उत्पादन में बढ़ोत्तरी करनी होगी तथा पशुपालन से होने वाली आय को बढ़ाना होगा।
पशुधन विकास एवं मत्स्य पालन मंत्री लक्ष्मीनारायण ने पशु-उत्पाद एवं मछलियों के उत्पादन में वृद्धि की अपार संभावनाओं का उल्लेख करते हुए किसानों का ध्यान इस ओर आकर्षित करने के कार्यक्रम तैयार करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यदि विवि ऐसे कोई कार्यक्रम तैयार करता है तो सरकार के स्तर पर उसको हरसंभव सहायता मुहैया कराई जाएगी।