देशभर में कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने मंगलवार को कहा कि तीसरी लहर से निपटने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह तैयार है। प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षांत समारोह में शामिल होने आए शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राज्य सरकार ने कोविड दिशा-निर्देश का अक्षरशः पालन करने के निर्देश दिए हैं और विद्यालयों में बच्चों के टीकाकरण का काम तेजी से शुरू किया है।’’
86 प्रतिशत के आसपास पहुंचा वयस्कों का टीकाकरण
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में वयस्कों का टीकाकरण लगभग 86 प्रतिशत के आसपास पहुंच चुका है। सभी जगह दवाओं, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर जैसी सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए सरकार प्रयासरत है। महामारी से निपटने के लिए सरकार तैयारी कर चुकी है। उत्तर प्रदेश में स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है लेकिन भविष्य की स्थिति के मद्देनजर सरकार आकलन कर रही है।
केंद्र और राज्य सरकार के काम से UP की जनता प्रभावित
आगामी विधानसभा चुनाव के बारे में उप मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘केंद्र और राज्य सरकार के कार्यों से जनता बहुत आकर्षित हुई है और यह संकेत जन विश्वास यात्रा के दौरान उमड़े अपार जनसमूह से मिलता है। मैं कह सकता हूं कि विपक्ष हताश और निराश है और दूसरे, तीसरे, चौथे नंबर के लिए उनके बीच आपस में होड़ है।’’
BJP से तुलना करना चाहता है विपक्ष
शर्मा ने कहा, ‘‘समाजवादी पार्टी (सपा) का मुकाबला बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से, बसपा का मुकाबला कांग्रेस से और इन तीनों का मुकाबला ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम से है। ये सभी पार्टियां आपस में मुकाबला करते हुए भाजपा का नाम लेती हैं ताकि वे भाजपा से अपनी तुलना कर सकें।’’
उप मुख्यमंत्री ने गिनवाएं सरकार के काम
दीक्षांत समारोह में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि नयी शिक्षा नीति को लागू करने में उत्तर प्रदेश अग्रणी रहा। राज्य में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में शोध के कार्यों में आमूलचूल परिवर्तन हुए। विश्वविद्यालयों में दीन दयाल शोध पीठ, प्रोफेसर रज्जू भैया अक्षय ऊर्जा संस्थान, अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन पीठ की स्थापना भी की गई।
दीक्षांत समारोह के विशिष्ट अतिथि शर्मा ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महाविद्यालयों के शिक्षकों को पीएचडी कराने के लिए आदेश जारी हुआ। साथ ही महाविद्यालयों के एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर को प्रोफेसर पदनाम देने का पहली बार आदेश जारी हुआ। उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में 76,000 से अधिक व्याख्यानों को डिजिटल लाइब्रेरी में अपलोड किया गया है।