सही आयु में और सही समय पर सही व्यक्ति के साथ विवाह हो जाना अपने आप मे एक सौभाग्य की बात है। हर माता-पिता यही चाहते हैं कि उनके बच्चों की शादी सही उम्र में हो जाए। वैदिक ज्योतिष में विवाह के लिए जन्म कुंडली में सातवां भाव मुख्य माना गया है और इस भाव पर ग्रहों के प्रभाव स्वरूप अनेक स्थितियां उत्पन्न होती हैं जिनके चलते शादी में देरी या बार-बार बनते रिश्तों का टूटना सहना पड़ता है। सातवां घर बताता है कि आपकी शादी किस उम्र में होगी। कई बार शादी नहीं होती और कई बार शादी के बाद सम्बन्ध खराब होकर अलगाव उत्पन्न हो जाता है, यह सब ग्रहों की अशुभ दृष्टि तथा ग्रहों के निर्बलता के कारण होता है। कुल मिलाकर जब एक से अधिक अशुभ ग्रहों का प्रभाव सातवें घर पर हो तो विवाह में विलम्ब होता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिनके भी विवाह में समस्याओं का अंत नहीं हो रहा है। उन्हें मेहंदी के कुछ असरदार उपाय करने चाहिए। इससे आ रही सभी अड़चनों का समापन हो जाता है। जातक के जीवन में विवाह का योग बन जाता है। तो आइए जानते हैं, विवाह में आ रही परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए मेहंदी के कौन-सी उपाय करनी चाहिए।
जिस लड़की के विवाह का योग नहीं बन रहा है। अगर उस लड़की को किसी दुल्हन के मेहंदी का कुछ अंश लगा दिया जाए तो सभी दोष खत्म हो जाते हैं और विवाह का योग बन जाता है।
जिस भी वैवाहिक जीवन में पति-पत्नी के बीच में समस्याएं आ रही है। तो पत्नी को अपनी मेहंदी में पति का नाम लिखवाना चाहिए। इससे दांपत्य जीवन में मधुरता आती है। सभी समस्याओं का अंत हो जाता है।
7 रविवार तक सुहागिन महिला को मेहंदी के साथ, छोटा सा शीशा, लाह की चूड़ियां और कुछ रुपए दान करना चाहिए। इससे सभी समस्याओं का निवारण हो जाता है।