जैसा की आप और हम सभी जानते हैं कि 25 मार्च से चैत्र नवरात्रि शुरू हो गए हैं। इन दिनों भक्त नवरात्रि के नौं दिनों मां दुर्गा के व्रत और सप्तशती का पाठ करते हैं। इसके अलावा नवरात्रि के दिनों घर में मिट्टी के बर्तनों में ज्वारे यानी जौ भी बोने की परंपरा है। लगभग जहां तक है कि इसमें तीन दिनों में अंकुर भी फुट जाते हैं।
इन अंकुरित जौ को काफी ज्यादा शुभ एंव फलदायक भी माना जाता है। इतना ही नहीं इन जौ के जरिए ही साल भर की भविष्यवाणी भी कर ली जाती हैं कि इन जौ के द्वारा हमें यह मालूम हो पता है कि हमारे द्वारा की गई पूजा सफल हो भी पाई कि नहीं। तो आइए आज हम आपको बातएंगे कि हम कैसे पता लगाए कि हमारी पूजा का फल हमें मिल भी पाएगा या नहीं।
1.अंकुरित जौ में काले रंग के अंकुर
यदि अंकुरित जौ में काले रंग के अंकुर उग जाते हैं तो यह अशुभ संकेत की ओर इशारा करते हैं और सालभर पैसों की तंगी होने को दर्शाता है।
2.अंकुरित जौ धुंए के रंग वाली
नवरात्रि के दिनों अगर अंकुरित जौ धुंए के रंग वाली उगती है तो यह परिवार के लिए अशुभ मानी जाती है। बताया जाता है कि उस साल परिवार में आपसी कलह की परेशानी ज्यादा होती है और प्रेम काम होने लगता है।
3.यदि नहीं उगते जौ
नवरात्रि के शुभ अवसर पर यदि आप किसी साल भी जौ नहीं उगाते हैं तो उस साल आपको काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं उस साल जनहानि की संभावनाएं भी ज्यादा हो जाती है। ऐसे साल में आपके कामों में भी खूब रुकवाटें आ सकती हैं और परिवार में किसी सदस्य की अचानक मौत भी हो सकती है।
4.जौ का नीला रंग होना
नवरात्रि के दिनों में नीले रंग वाले जौ अंकुरित होने का मतलब होता है उस साल अकाल पडऩे की स्थिति पैदा हो सकती है। इसके अलावा लाल रंग के जौ अंकुरित होते हैं तो इसका अर्थ है इस साल आपको शत्रु का भय ज्यादा रहेगा।
5.हरे रंग के अंकुरित जौ
नवरात्रि के दिनों हरे रंग के अंकुरित जौ के होने का इशारा पूरे सालभर खुशहाली देने की ओर इशारा करता है। इसके अलावा आप पूरे सालभर धन-धान्य से परिपूर्ण भी रहेंगे। साथ ही आपको किसी तरह की आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
6.अंकुरित जौ आधे पिले और हरे रंग के
अगर अंकुरित जौ आधे पिले और हरे रंग के हुए है तो इसका मतलब है वर्ष भर पहले आपके काम बनेंगे और फिर बिगड भी सकते हैं। इसका तात्पर्य है, वर्ष भर आपको मिश्रित परिणाम मिलेंगे।