आज दुनिया ने काफी तरक्की कर ली है और अब तो घर बैठे ही हम सात समुद्र पार बैठे शख्स से बात कर लेते हैं और उसे वीडियो कॉल के जरिए देख भी सकते हैं। मगर समय सिर्फ चिट्ठी या पोस्टकार्ड के जरिए ही दूर बैठे इंसान से बात की जा सकती थी। उस दौर में सिर्फ और सिर्फ चिट्ठी या पोस्टकार्ड ही चलते थे। उस वक्त लोग अपने करीबियों को पोस्टकार्ड भेजकर ही उनका हाल-समाचार लिया करते थे।
ये पोस्टकार्ड कुछ दिनों में उस पते पर पहुंच जाते थे, जहां उसे भेजा जाता था। पोस्टकार्ड कुछ दिनों में आमतौर पर अपने गंतव्य तक पहुंच जाते थे लेकिन इन दिनों एक पोस्टकार्ड सुर्खियों में बना हुआ है। इस पोस्टकार्ड के चर्चा में आने का सबसे बड़ा कारण ये है कि ये अपने गंतव्य तक पूरे 54 साल बाद पहुंचा। तो चलिए बताते है इस पोस्टकार्ड के सफर की बेहद दिलचस्प कहानी के बारे में…
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ये पोस्टकार्ड बीते सोमवार को 54 साल बाद अपने सही पते पर पहुंचा है। ये पोस्टकार्ड जेसिका मीन्स नाम की महिला को मिला है, 17 जुलाई को जेसिका ने जैसे ही अपना मेलबॉक्स खोला, उसमें उन्हें ऐसे शख्स से संबंधित पोस्टकार्ड मिला, जिसे मरे हुए करीब 30 साल से भी ज्यादा हो गए हैं। पोस्टकार्ड को लेकर जेसिका ने बताया कि इसे 54 साल पहले साल 1969 में पेरिस से पोर्टलैंड के लिए भेजा गया था।
जेसिका ने बताया कि पहले मुझे लगा कि ये मेरे किसी पड़ोसी के लिए होगा लेकिन जब मैंने पोस्टकार्ड पर नाम पढ़ा तो मुझे एहसास हुआ कि ये तो मेरे घर के मूल मालिकों के नाम था। पोस्टकार्ड मिस्टर और मिसेज रेने ए. गगनन को भेजा गया था, जिसे रॉय नाम के किसी शख्स ने भेजा था। सोशल मीडिया पर ये सालों पुराना पोस्टकार्ड तेजी से वायरल हो रहा है और लोग इसे देखकर हैरान है।
जेसिका ने इस पोस्टकार्ड को खोला तो उसमें लिखा था कि ‘जब तक ये कार्ड आपको मिलेगा, मैं घर आ चुका होऊंगा। लेकिन इसे एफिल टॉवर से भेजना मुझे सही लगा, जहां पर अभी मैं मौजूद हूं। बहुत कुछ देखने का तो मौका नहीं मिला, मगर जितना देखा उसका आनंद ले रहा हूं।’ इस वायरल पोस्टकार्ड के सालों बाद अपने सही पते पर पहुंचने को लेकर लोग बहुत हैरानी जता रहे है और इसे जमकर सोशल मीडिया पर शेयर भी कर रहे हैं।