ऋषिकेश : आर्ट ऑफ लिविंग के प्रणेता श्री श्री रविशंकर तीन दिवसीय प्रवास पर तीर्थनगरी पहुंचे। यहां सत्संग में उन्होंने कहा कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि से देश के करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी है। इसलिए इसका हल सौदे से नहीं, सौहार्द से होगा। उनका कहना है कि उनके प्रयास का वे लोग विरोध कर रहे हैं, जिनका अस्तित्व ही संघर्ष है। राम जन्मभूमि मामले का मध्यस्थता के जरिये समाधान निकालने को लेकर चर्चा में आए श्री श्री रविशंकर ने तीर्थनगरी में शीशमझाड़ी गंगा तट पर स्थित गंगाश्रय आश्रम में अनुयायियों की जिज्ञासाओं को शांत किया। श्री श्री ने बताया कि 90 वर्षीय संत रामचंद्र दास दो बार उनके पास आए और कहने लगे 30 साल से हम राम मंदिर निर्माण की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कई मुस्लिम भाई, उनकी संस्था के युवा और इमाम भी राम जन्मभूमि मामले में उनसे मिले। सभी से उन्होंने स्पष्ट कहा कि सौदा नहीं, सौहार्द से राम जन्मभूमि में मंदिर का निर्माण होगा। कहा कि करीब सौ करोड़ लोगों की आस्था राम मंदिर से जुड़ी है। श्री श्री के अनुसार काफी लोग उनकी बात से सहमत भी हुए। मगर, कुछ लोग विरोध करने लगे, क्योंकि उनका अस्तित्व संघर्ष में ही है।
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