आज का दौर जैसा आ चूका हैं उसमे पढाई करना तो मुश्किल हैं ही लेकिन उससे भी ज़्यादा मुश्किल हैं उस पढाई को करने के बाद अपने लिए रोज़गार घूमना। आज इस भाग-दौड़ भरी ज़िन्दगी में लोगो के बीच जो कॉम्पिटिशन पैदा हो चूका हैं उसे पार करके आगे निकलना एक इंसान के लिए वाकई बेहद मुश्किल हैं। ऐसे में जो इंसान पढ़ा-लिखा होने के बाद भी बेरोज़गार रह जाये तो सोचिये उसके लिए जीवन जीना मुश्किल तो होगा ही।
बड़े लोग यूही नहीं कहा करते थे कि, ‘खाली दिमाग शैतान का घर होता हैं’ आज इस बात पर आपको और भी यकींन होने वाला हैं। हाल ही में एक रूसी शख्स के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ जब वो बेरोजगार घर पर बैठा था और ना जाने किन-किन ख्यालो से झूंझ रहा था। उसने ट्रैफिक पुलिस कर्मी (Man become fake traffic police official) का भेस बना लिया और नौकरी करने चला गया….वो भी बिना किसी असली नौकरी के!
ये खबर ऑडिटी सेंट्रल न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार ये वयक्ति रूस का स्थानीय हैं जिसकी उम्र 48 साल हैं जो विक्टर (Viktor), स्टावरोपोल इलाके (Stavropol Region) में रहता हैं। इतनी उम्र होने के बावजूद भी उन्हें घर बैठना चुभ रहा था। और साथ ही उन्हें हमेशा से ट्रैफिक पुलिस में भर्ती होने का बहुत मन था या यूँ कहे की उनका सपना ही था पर हालात ऐसे नहीं बन पा रहे थे कि उनका सिलेक्शन ट्रैफिक पुलिस विभाग में हो सके। इस वजह से उन्होंने एक जुगाड़ सोचा और सीधा ये कर डाला।
नकली पुलिस कर्मी बन पंहुचा ऑन ड्यूटी
फिर जो विक्टर ने किया उसे सुन आप हैरान रह जायेंगे। विक्टर एक ट्रैफिक पुलिस की वर्दी खरीद लाए और प्याटीगोर्स्की Pyatigorsky नाम के गांव में लॉ एनफोर्समेंट ऑफिसर के पद पर खुद को ही नियुक्त कर लिया जो की कानूनी रूप से जुर्म हैं लेकिन फिर भी उसने ऐसा किया। जिसके बाद वह उस वर्दी को पहन शहर में घूमते और अपने गजब के एक्टिंग स्किल, सेल्फ कॉन्फिडेंस और कपड़ों के बल-बूतों लोगों को गाड़ी सही से चलाने का सबक सिखाने लगे। जो कोई भी गलत तरह से गाड़ी चलाता, उसे विक्टर रोककर सुधारते भी थे साथ ही उन पर उनका ये झूठ लंबे वक्त तक टिक नहीं पाया।
आखिर सामने आ ही गया सच
लेकिन उनका ये सपना और सच ज़्यादा समय तक टिक नहीं पाया और आखिर कर वह पकडे ही गए। प्यतिगोर्स्की में पेरवोमैस्काया स्ट्रीट पर गश्त पर निकले यातायात निरीक्षकों के बॉडी कैम से फुटेज की जांच करते समय, अधिकारियों ने देखा कि वास्तव में ड्यूटी पर पांच निरीक्षक थे, जबकि आधिकारिक रिकॉर्ड में केवल चार का उल्लेख था। पांचवें अधिकारी के बॉडी कैम से फुटेज भी आसानी से गायब था, और जब पांचवें ट्रैफिक इंस्पेक्टर की पहचान करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने पाया कि वह कोई पुलिसकर्मी नहीं था। एक जांच से पता चला कि विक्टर मई के बाद से कम से कम पांच बार चार वास्तविक यातायात निरीक्षकों के साथ गश्त पर गया था, और उनमें से किसी ने भी उसके बारे में कुछ भी अजीब रिपोर्ट नहीं की थी। भावी पुलिसकर्मी ने एक पुलिस अधिकारी का रूप धारण करने की बात स्वीकार की और उस पर यातायात उल्लंघन, अवैध रूप से आधिकारिक वर्दी पहनने और पुलिस कर्तव्यों के प्रदर्शन में बाधा डालने का आरोप लगाया गया।