Himalayas: पर्यटक छोड़ जाते हिमालय पर कचरा, तो ब्रिटिश महिला ने शुरू की साफ़ करने की मुहीम, जानें दिलचस्प कहानी - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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Himalayas: पर्यटक छोड़ जाते हिमालय पर कचरा, तो ब्रिटिश महिला ने शुरू की साफ़ करने की मुहीम, जानें दिलचस्प कहानी

आपको बता दें कि हिमालय क्षेत्र से प्रतिवर्ष 8.4 मिलीयन मेट्रिक टन कूड़ा उत्पन्न होता है लेकिन इनमें सुधार की जरूरत काफी कम लोगों को दिखाई देती है और ऐसे लोग जो पहाड़ों पर गंदगी कल आकर जाते हैं।

भारत देश के पहाड़ी राज्य उत्तराखंड हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर देशभर के साथ विदेशी पर्यटकों के लिए भी सबसे पसंदीदा जगह है। राजधानी दिल्ली के पास होने की वजह से विदेशी पर्यटकों के साथ साथ देश भर से हर साल लाखों की संख्या में लोग इन पहाड़ी राज्यों में पहुंचकर मौसम और घूमने का आनंद लेते हैं, लेकिन इनकी घूमने की वजह से पहाड़ों पर काफी ज्यादा गंदगी फैल जाती है और इसकी वजह सिर्फ वह आदमी होते हैं जो अपने पीछे ढेर सारा कूड़ा वहां छोड़ जाते हैं। 
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आमतौर पर किसी भी पर्यटक स्थल पर देखा जाता है कि वहां पर पानी की बोतल ले प्लास्टिक की थैलियां और खाने के पैकेट्स बिखरे हुए पड़े हुए मिले रहते हैं। आप भी जब जाते होंगे तो आप कैसे नजारा देखना आम बात है। इन सब मामलों से प्राकृतिक को तो इफेक्ट पड़ता ही है साथ में जो भी लोग आने वाले होते हैं ऐसे जगहों पर उन्हें उनसे बहुत से नफरत होने लगता है। इनको साफ करने की एक नई मुहिम शुरू की गई है। 
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विदेशी पर्यटक जोडी अंडरहिल ने मिशन को शुरू किया है जिससे उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की पहाड़ी राज्यों से 6500 मेट्रिक टन से अधिक ठोस कचरे को साफ करने में काफी बड़ी मदद मिल रही है। रिपोर्ट में बताया गया है कि यह सब साल 2008 में शुरू हुआ जब वह अपनी भारत की यात्रा कर रहे थे। भारत देश का यह पहला यात्रा था जहां पर उन्होंने देश की सुंदरता से खुश होकर भारत में कुछ करने का निर्णय लिया।
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लेकिन जब पहाड़ी राज्य पर गए तो भारत में पूरे की समस्या इतनी गंभीर थी जिस पर उन्होंने सोच विचार करना शुरू कर दिया। अब यह महिला का खुद को घर भेज कर ले कहती हैं और पहले से ही कई परियोजना के लिए स्वयं सेवा का काम करने का अनुभव को ले चुकी है। इस महिला ने इससे पहले माउंटेन के लिए नस नामक एक संगठन को लांच किया था और कई जगहों पर सफाई का काम कर चुकी है। 
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2012 में एनजीओ के साथ उन्होंने कई जगहों पर सफाई करने का काम किया है। आज जिनके एनजीओ उत्तराखंड के देहरादून और धर्मशाला वीर पंचोली और काफी जगहों पर स्थित है कार्बेट टाइगर रिजर्व सहित कई जगहों पर यह बड़े रूप से काम भी करते हैं। इनका मुख्य काम होता है कि पहाड़ी राज्यों से कूड़ा हटाना हैं।
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आपको बता दें कि हिमालय क्षेत्र से प्रतिवर्ष 8.4 मिलीयन मेट्रिक टन कूड़ा उत्पन्न होता है लेकिन इनमें सुधार की जरूरत काफी कम लोगों को दिखाई देती है और ऐसे लोग जो पहाड़ों पर गंदगी कल आकर जाते हैं उन्हें भी अपने आप में कुछ सीख लेनी चाहिए।

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