भारत ने संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर बुधवार को शांति अभियानों के लिए ‘यूनाइट अवेयर’ नामक एक प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म की शुरुआत की जो शांतिसैनिकों को क्षेत्र संबंधी सूचना उपलब्ध कराने पर केंद्रित है।
प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म की शुरुआत ऐसे समय हुई है जब भारत ने अगस्त माह के लिए 15 देशों की सदस्यता वाली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता संभाली है।
संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में विदेश मंत्री एस जयशंकर की मौजूदगी में इस प्लेटफॉर्म की शुरुआत की गई।
बाद में, जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रौद्योगिकी एवं शांति अभियान विषय पर खुली चर्चा में अपने संबोधन में कहा कि 21वीं सदी में शांति रक्षा में प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी और नवोन्मेष की महत्वपूर्ण भूमिका होनी चाहिए जो जटिल परिस्थितियों में शांति अभियानों के क्रियान्वयन को संभव बनाए।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संचालन के दृष्टिकोण से उत्कृष्ट, किफायती, व्यापक रूप से उपलब्ध और विश्वसनीय प्रौद्योगिकियों पर ध्यान देना चाहिए।
जयशंकर सोमवार को न्यूयॉर्क पहुंचे थे जब सुरक्षा परिषद ने अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद आपात बैठक की। मुद्दे पर यह 10 दिन के भीतर दूसरी बैठक थी।
प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म शांतिसैनिकों को क्षेत्र संबंधी सूचना उपलब्ध कराने पर केंद्रित है जिसका विकास भारत ने संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान विभाग और संचालन सहायता विभाग के साथ मिलकर किया है।
जयशंकर ने खुली चर्चा के बाद संवाददाताओं से कहा कि यूनाइट अवेयर एक परिस्थितिजन्य जागरुकता सॉफ्टवेयर कार्यक्रम है जो शांतिरक्षक के समक्ष आने वाले खतरे का आकलन आधुनिक निगरानी प्रौद्योगिकी के जरिए करेगा और उन्हें अपनी सुरक्षा मजबूत करने में मदद देगा।
यह गंभीर परिस्थितियों में सजीव वीडियो और उपग्रह से प्राप्त तस्वीरों का आकलन करेगा और शांतिरक्षकों को शीघ्र चेतावनी भेजेगा। इस प्लैटफॉर्म के इस्तेमाल से पूरे शांतिरक्षण अभियान का खाका तैयार किया जा सकता है, समन्वय किया जा सकता है इसकी निगरानी की जा सकती है।
भारत ने ‘यूएन डिपार्टमेंट ऑफ पीसकीपिंग ऑपरेशंस’ और ‘डिपार्टमेंट ऑफ ऑपरेशनल सपोर्ट’ के साथ यह टेक्नोलॉजी प्लैटफॉर्म विकसित किया है।