श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि उन्हें अपने देश को सुरक्षित रखने के लिए अपनी योजनाओं की समीक्षा करने की ज़रूरत है क्योंकि विभिन्न देशों के बीच अधिक प्रतिस्पर्धा है। वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि वे किसी भी लड़ाई में शामिल न हों और हिंद महासागर में तटस्थ रहें। यह समीक्षा कई अलग-अलग चीजों पर गौर करेगी, जैसे कि अर्थव्यवस्था कैसे बदल रही है और मौसम कैसे अलग हो रहा है।
अफ्रीका के नाइजर तक पहुंच गया
उन्होंने कहा कि आज की जमीनी स्थिति यह है कि हिंद महासागर में वैश्विक शक्तियों के बीच अतिक्रमण को लेकर संघर्ष जारी है। विक्रमसिंघे ने कहा, ‘‘एक मोर्चे पर अमेरिका और चीन के बीच प्रशांत महासागर में प्रभुत्व स्थापित करने को लेकर संघर्ष जारी है। इसी के साथ पश्चिमी देशों और रूस का यूक्रेन को लेकर सत्ता संघर्ष सामने आया है। इस प्रतिस्पर्धा का असर दूरदराज के अफ्रीका के नाइजर तक पहुंच गया है।
वैश्विक व्यापार का एक महत्वपूर्ण मार्ग है
उन्होंने कहा कि श्रीलंका को हिंद महासागर में तटस्थता बनाए रखनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि हिंद महासागर वैश्विक व्यापार का एक महत्वपूर्ण मार्ग है। जैसे ही हम इस जल क्षेत्र में नौवहन करते हैं, यह जरूरी है कि हम निष्पक्ष रुख बनाए रखते हुए अंतरराष्ट्रीय प्रतिद्वंद्विता में नहीं उलझे। हमारी सबसे बड़ी चिंता इस क्षेत्र में अपनी सुरक्षा होनी चाहिए।