ब्रिटेन के टीका मंत्री नदीम जहावी ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोविड-19 टीकों की आपूर्ति और उत्पादन बढ़ाने के वास्ते विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में बौद्धिक संपदा (आईपी) नियमों में ढील देने के लिए दिए गए किसी भी दस्तावेज पर वह विचार करेंगे।
उन्होंने हालांकि चेतावनी दी कि किसी भी पेटेंट नियम में ढील से पहले सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि उस टीके के प्रति विश्वास पर कोई असर नहीं हो। बता दें कि अमेरिका ने मई महीने में ही कोविड-19 टीके पर से बौद्धिक संपदा सुरक्षा को अस्थायी रूप से स्थगित करने का समर्थन किया था।
यह कदम भारत और दक्षिण अफ्रीका द्वारा चलाई गई मुहिम के बाद उठाया गया था। जहावी ने लंदन में ‘इंडिया ग्लोबल फोरम’ में पेटेंट नियमों में ढील के सवाल पर कहा, ‘‘ राष्ट्रपति (जो) बाइडन ने टीके की बौद्धिक संपदा संबंधी मुद्दे को देखने की बात की है। हम डल्ब्यूटीओ में पेश किसी भी दस्तावेज को देखेंगे क्योंकि जबतक हम सभी सुरक्षित नहीं हो जाते, तब तक कोई सुरक्षित नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह चेतावनी भी देना चाहता हूं कि आसान उपाय हमेशा जटिल उत्पादन जरूरत के लिए काम नहीं आते क्योंकि प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण आसान नहीं है। गुणवत्ता नियंत्रण बहुत अहम है। इसका कोई आसान उत्तर नहीं है।’’ ब्रिटिश सरकार में कैबिनेट मंत्री ने यह भी खुलासा किया कि उन्होंने इस सप्ताह सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) से भी बात की है जो इस समय ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका टीके का उत्पादन, भारत में कोविशील्ड के नाम से- 10 करोड़ खुराक प्रति महीने की दर से कर रहा है और जल्द ही इसे बढ़ाकर 20 करोड़ खुराक प्रति महीने करेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें (एसआईआई) को विश्व के सबसे प्रतिष्ठित नियामक ब्रिटेन के एमएचआरए (मेडिकल ऐंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी) का समर्थन मिला है जो उन्हें दुनिया का सबसे सुरक्षित, बेहतरीन और बड़ा टीका उत्पादक बनाता है। वे नोवावैक्स टीका भी बनाने जा रहे हैं जो वास्तव में बेहतरीन टीका प्रतीत होता है।’’ जहावी ने कहा, ‘‘ भारत की दुनिया की फार्मेसी बनने की महत्वकांक्षा हमें उत्साहित करती है।’’