बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित शेल्टर होम में लड़कियों के यौन शोषण के मामले में सुनवाई करते हुए दिल्ली के साकेत कोर्ट ने फैसला टाल दिया है। अब इस मामले में कोर्ट 20 जनवरी को अपना फैसला सुना सकती। इस शेल्टर होम का संचालक बिहार पीपुल्स पार्टी का पूर्व विधायक ब्रजेश ठाकुर था। कोर्ट ने पहले आदेश एक महीने के लिए 14 जनवरी तक टाल दिया था।
उस समय मामले की सुनवाई कर रहे जज सौरभ कुलश्रेष्ठ छुट्टी पर थे। इससे पहले कोर्ट ने नवंबर में फैसला एक महीने के लिए टाल दिया था। तब तिहाड़ केंद्रीय जेल में बंद 20 आरोपियों को राष्ट्रीय राजधानी की सभी छह जिला कोर्ट में वकीलों की हड़ताल के कारण कोर्ट परिसर नहीं लाया जा सका था। बता दें कि 28 जुलाई को 2018 मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में 42 में से 34 बच्चियों से रेप की पुष्टि हुई थी।
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बाद में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा कि मुजफ्फरपुर आश्रय गृह यौन उत्पीड़न मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर और उसके सहयोगियों ने 11 लड़कियों की कथित रूप से हत्या की थी और एक श्मशान घाट से ‘हड्डियों की पोटली’ बरामद हुई थी। कोर्ट ने 20 मार्च, 2018 को ठाकुर समेत आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किये थे। आरोपियों में 8 महिलाएं और 12 पुरुष हैं।