केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन (Dr. Harshvardhan) ने बुधवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अधिकारियों के साथ कोरोना वायरस बीमारी से निपटने के उपायों पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक उच्चस्तरीय बैठक की। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और डब्लूएचओ ने कोविड-19 से निपटने के लिए डब्ल्यूएचओ के राष्ट्रीय पोलियो निगरानी नेटवर्क और क्षेत्र के अन्य कर्मचारियों की एक व्यवस्थित साझेदारी का फैसला किया।
बैठक को स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और डब्ल्यूएचओ की दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र की निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने संबोधित किया। इस बैठक में स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे भी उपस्थित थे। इसके साथ ही बैठक में पोलियो, तपेदिक और अन्य रोगों के फील्ड स्टाफ व राज्य अधिकारियों सहित 1,000 से अधिक डब्ल्यूएचओ कर्मचारियों ने भाग लिया।
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इस दौरान डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, मेरा मानना है कि जब तक हमें इसकी कोई वैक्सीन या टीका नहीं मिल जाता, तब तक हमें सामाजिक टीकाकरण यानी सामाजिक दूरी का पालन करना चाहिए। बैठक का उद्देश्य कोविड-19 प्रतिक्रिया को मजबूत करना रहा। इस दौरान डॉ. खेत्रपाल ने कहा, कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में हमने एक ऐसे चरण में प्रवेश किया है, जहां भविष्य में इसके नियंत्रण के लिए निगरानी या चौकसी ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
डॉ. खेत्रपाल ने कहा कि भारत की अपनी कुछ चुनौतियां हैं और इन्हें दूर करने की इसमें क्षमता भी है। एक उदाहरण 2014 में पोलियो को खत्म करने का भी है। उन्होंने 1994 में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री के रूप में कई प्रमुख पोलियो उन्मूलन पहलों को शुरू करने के लिए हर्षवर्धन की सराहना भी की।