चंडीगढ़: मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने नई औद्योगिक नीति में मौजूदा उद्योगों को पुन: सृजन करने की महत्ता पर जोर दिया है जिसमें ‘व्यापार पहले’ की फिलासफी को बढ़ावा देने के लिए ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। नयी औद्योगिक नीति के प्रारूप संबंधी विचार-विमर्श करने के लिए एक मीटिंग को संबोधन करते हुए मुख्यमंत्री ने सरकार में पहले ही बनी मन की धारणा में तब्दीली लाने की बात करते हुए सरलीकरण पर ध्यान केन्द्रित करने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि उद्योग और व्यापारिक घरानों के साथ भागीदारी जैसा व्यहार करना चाहिए न कि उनके प्रति शक वाली पहुंच होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि नयी औद्योगिक नीति में मौजूदा उद्योग को पुन: सृजन करने पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा उद्योग और व्यापारिक घरानों खासकर लघु और मध्यम उद्योग के विकास पर प्रसार के लिए हर संभव मदद दी जानी चाहिए।
एक प्रवक्ता ने मीटिंग के बाद बताया कि व्यापार के लिए सुविधा प्रदान करने के लिए बुनियादी ढांचो के विकास की जरूरत पर भी विचार चर्चा हुई और इस मकसद के लिए पंजाब राज्य औद्योगिक बुनियादी ढांचा निगम स्थापित करने का प्रस्ताव सामने आया। बिजली सैक्टर का स्तर ऊंचा उठाने के अलावा नई नीति में चार औद्योगिक पार्कों और 10 औद्योगिक एस्टेटों को विकसित करने के लिए भी रूप रेखा पेश होगी।
प्रस्तावित नीति में सर्विस सैक्टर को कुंजीवत्त पहल देने की पहचान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने 5 वर्षों में विकास के सात अहम स्तंभों में पांच लाख करोड़ रुपए के कुल पूंजी निवेश का लक्ष्य रखा है। इन स्तंभों में बुनियादी ढांचा, बिजली, एम.एस.एम.ई स्टार्टअप और इंटरप्रिन्योरशिप, हुनर विकास, व्यापार करने को आसान बनाना और निवेश बढ़ावा और वित्तीय रियायतें शामिल हैं।
(उमा शर्मा)