राम मंदिर देश-विदेशों में बसे करोड़ों हिन्दुओं का सपना है जो साकार होने जा रहा है। जिसकी नींव 5 अगस्त, 2020 में प्रधानमंत्री मोदी जी ने रखी थी। मन में बहुत इच्छा थी कि वहां जाकर राम मंदिर की मिट्टी को माथे पर लगाऊं और उस धरती को चूमू जिसमें हमारे राम लला विराजमान हैं। जिसके लिए स्वर्गीय अश्विनी जी ने बहुत सी सिरीज लिखी थीं। रोम-रोम में बसने वाले राम और वो चाहते थे कि राम मंदिर बने। देश में हिन्दुओं को मान-सम्मान मिले तो उन्होंने एक सीरिज ‘क्या इस देश में हिन्दू होना गुनाह है’ भी लिखी। उन्होंने कई सिरीज लिखीं 370, राम मंदिर सिविल कोड जो करोड़ों हिन्दुओं की मांग थी। इन सपनों को पूरा करने के लिए ईश्वर ने और देश की जनता ने मोदी जी को चुना। मोदी जी देश के लिए वो काम कर रहे हैं जो कोई न कर सका, न कर सकेगा। 370 और अब राम मंदिर जो राष्ट्र मंदिर होगा।
जिससे प्रेरित होकर साधक विजय जौली ने प्रण लिया कि वो अधिकतर देशों की नदियों से जल लाकर जलाभिषेक करेंगे और उन्होंने अपने प्रण को पूरा किया। 155 देशों से जल आया, जिसको हमारे रक्षा मंत्री की अगुवाई में समर्पित होना था परन्तु आखिरी समय पर जब सब तैयारी हो गई थी उनको कोविड हो गया। तब भी विजय जौली ने हार नहीं मानी। सबके आशीर्वाद और दुआओं के साथ उन्होंने 155+1 देशों के जल को लेकर सफल प्रोग्राम किया, जिसमें विश्व हिन्दू परिषद के संरक्षक दिनेश चन्द्र जी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रचारक इन्द्रेश कुमार जी व राम लाल जी, महामंडलेश्वर यतीन्द्र नंदन गिरी जी, जैन आचार्य लोकेश जी, उत्तर प्रदेश के मंत्री डा. निषाद जी, श्री राम जन्मभूमि क्षेत्र न्यास महामंत्री श्री चम्पत राय जी, फिजी, मंगोलिया और 11 अन्य देशों के राजनयिक उपस्थित रहे और पूरा साथ निभाया।
75 लोग दिल्ली से ट्रेन में गए और लगभग 35 के करीब लोगों ने जहाज से यात्रा की, जिसमें पंकज आनंद, सुधांशु मित्तल, विजय मेहता, महेन्द्र नागपाल, आरएसएस के साहू जी और बहुत से लोग थे, जिनमें मैं शायद नाम भी नहीं जानती। बहुत बड़ी कोशिश थी, जिसमें देशप्रेम, राम प्रेम, राष्ट्र प्रेम कूट-कूट कर भरा था। जय श्रीराम के नारे सबका मनोबल बढ़ा रहे थे। इतने लोगों का इंतजार करना जो अपने आप में सब हस्तियां थीं, आसान नहीं था परन्तु जौली जी और उनकी टीम ने बड़ी सहजता से इसे निभाया। विजय जौली जी ने बहुत पुण्य कमाया जो इतने लोगों को रामलला के दर्शन कराए।
सरयू नदी की आरती की, हनुमान गढ़ी के दर्शन किए। दशरथ महल, कनक मंदिर और दशरथ इच्छा मंदिर के दर्शन किए। श्रीराम मंदिर वास्तव में राष्ट्र मंदिर के समान है जो समूचे विश्व को शांति और सद्भाव का संदेश देता है। देशभर के धार्मिक स्थलों का वैभव बढ़ना हमारे लिए गर्व का विषय है। आज हम 155+1 देशों से लाए गए जल कलशों से श्रीराम मंदिर का जलाभिषेक कर रहे है तो इसका बहुत महत्व है। मुझे याद है कि अफगानिस्तान की एक लड़की की तरफ से काबुल नदी से जल भेजा गया था जिस जल को राम मंदिर निर्माण स्थल पर डाला गया। अब जबकि दुनिया के 155 देशों की पवित्र नदियों का जल लाया गया है तो इसका संदेश यही है कि भारत पूरे विश्व को एक परिवार मानता है। भारत ने हमेशा विश्व कल्याण के लिए ही काम किया है। इतने जल कलशों से जलाभिषेक करने का अर्थ बहुसंस्कृतियों का मिलन है। अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण के साथ ही देशभर के करोड़ों हिन्दुुुओं का सपना साकार होने जा रहा है। वर्तमान शासन भी श्रीराम के आदर्शों का अनुपालन करते हुए काम कर रहा है। यह हमारे लिए और भी गर्व का विषय है। केन्द्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिनकी देश-विदेशों में धूम है, वह देश में विकास के साथ देश के धार्मिक स्थलों का वैभव वापस लौटा रहे हैं, अगर प्रदेशों की बात की जाए तो यूपी में योगी आदित्यनाथ जी अपने प्रदेश को अपराध मुक्त प्रदेश बना रहे हैं प्रदेशवासियों का विश्वास जीत रहे हैं। अाज हम अपने वरिष्ठ नागरिकों के लिए बहुत शक्तिशाली महामृत्युजंय का मंत्र जाप करेंगे, पूरे विश्व कल्याण और सबके लिए मंगल कामना करेंगे।