पूर्वोत्तर भारत के तीन राज्यों – त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय में मतगणना जारी है। तीनों राज्यों से मतगणना के शुरूआती रुझान आने लगे हैं और इससे यह साफ-साफ नजर आने लगा है कि त्रिपुरा और नागालैंड में एक बार फिर से भाजपा के एनडीए गठबंधन की सरकार बनने जा रही है, वहीं मेघालय में त्रिशंकु विधान सभा के आसार नजर आ रहे हैं।
त्रिपुरा में लगातार दूसरी बार भाजपा गठबंधन सरकार बनने के संकेत शुरूआती रुझान से मिलने लगे हैं। त्रिपुरा में भाजपा अपने सहयोगी आईपीएफटी के साथ मिलकर चुनाव लड़ी थी और गठबंधन बहुमत की तरफ बढ़ता नजर आ रहा है।
त्रिपुरा में गुरुवार को 60 विधानसभा सीटों के लिए वोटों की गिनती चल रही है। राज्य में 16 फरवरी को वोटिंग हुई थी, जिसमें राज्य की 88 फीसदी आबादी ने हिस्सा लिया था। रिटर्निंग ऑफिसर ने बताया था कि राज्य में कुल 28.14 लाख पंजीकृत मतदाताओं में से लगभग 24.66 लाख ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, लेफ्ट, तृणमूल कांग्रेस, तिपरा मोथा ने अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे हैं। साथ ही 58 निर्दलीय भी विधानसभा की सदस्यता के लिए दावेदारी पेश कर रहे हैं.
टीएमपी किंगमेकर की भूमिका में उभर सकती!
त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में रुझानों का दौर जारी है। भारतीय जनता पार्टी अब वापसी करती नजर आ रही है। पार्टी 31 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं, दूसरे नंबर के लिए कांग्रेस-लेफ्ट और टिपरा मोथा के बीच जंग जारी है. जबकि गठबंधन 15 सीटों पर आगे चल रहा है। वहीं, टीएमपी को 12 सीटों पर बढ़त है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि टीएमपी किंगमेकर की भूमिका में उभर सकती है।
जो भी पार्टी लिखित आश्वासन देगी, हम उसके साथ चलेंगे
त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के नतीजे अभी घोषित नहीं हुए हैं। इस बीच, पार्टी प्रवक्ता जितेन देबबर्मा ने स्पष्ट कर दिया है कि वह उस पार्टी के साथ जाएंगे जो उन्हें विश्वास दिलाती है। उन्होंने कहा, “हम चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने और अधिक सीटें जीतने की उम्मीद करते हैं।” उन्होंने कहा, “जो भी पार्टी लिखित आश्वासन देगी, हम उसके साथ चलेंगे।”
देबबर्मन से संपर्क करना शुरू
त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के नतीजे अभी घोषित नहीं हुए हैं, लेकिन रुझान संकेत दे रहे हैं कि टिपरा मोथा किंगमेकर के रूप में उभर सकती हैं। अब मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि लेफ्ट पार्टियों ने प्रद्योत देबबर्मन से संपर्क करना शुरू कर दिया है। खास बात यह है कि वाम दलों ने कांग्रेस के साथ मिलकर 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ा है।