अनुसूचित जाति जनजाति संगठनों के अखिल भारतीय परिसंघ के अध्यक्ष उदित राज ने मोदी सरकार को संवेदनहीन और गूंगी बहरी करार देते हुए कहा है कि वह सार्वजनिक संगठनों का निजीकरण कर आरक्षण को खत्म करने की साजिश कर रही है इसलिए उसकी नीतियों के विरुद्ध जन आंदोलन की जरूरत है।
पूर्व सांसद उदित राज ने रविवार को देश के विभिन्न हिस्सों से रामलीला मैदान में जुटे कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार का हर कदम दलित, आदिवासी, किसान और गरीब विरोधी है। यह सरकार आरक्षण विरोधी है और इस व्यवस्था को खत्म करने के लिए वह सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण कर रही है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी सरकार भाषणों और रैलियों से मानने वाली नहीं है क्योंकि वह संवैधानिक मर्यादाओं का पालन नहीं कर रही है इसलिए संवैधानिक व्यवस्थाओं को खत्म करने पर तुली हुई है। सरकार का लक्ष्य आरक्षण की व्यवस्था को खत्म करना है और इसके लिए उसने सार्वजनिक संगठनों के निजीकरण का रास्ता चुना है।
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इन उपक्रमों का निजीकरण होने के बाद वहां आरक्षण लागू नहीं किया जा सकेगा और देश में आरक्षण की व्यवस्था स्वत: सामप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि जिस गति से यह सरकार निजीकरण की राह पर आगे बढ रही है उसे रोकना अब आसान नहीं है। इस नीति के विरुद्ध इस सरकार से टकराने की आवश्यकता है।
यह सरकार का मुकाबला भाषणों, रैलियों या इस तरह के आयोजनों से नहीं बल्कि आंदोलन के रूप में करना पड़गा। सभी दलितों और आदिवासियों को अपने अधिकारों के लिए सडकों पर उतरना होगा। उदित राज ने कहा कि इस सरकार की नीतियों के विरुद्ध इस लड़ाई को आसानी से नहीं लडा जा सकता है इसलिए सभी को प्रतिबद्ध होकर सरकार की नीति के विरुद्ध खड़ा होना होगा और उसकी साजिश के खिलाफ सख्ती से लड़ाई लडनी होगी।
उन्होंने कहा कि यह सरकार भाषण से नहीं मानती है। भाषणों के बल पर यह सरकार बनी है इसलिए इसे आंदोलन से ही अपनी बात मनवानी पडेगी। सरकार ने असंवेदनशील तरीका अपनाया हुआ है और वह मनमानी पर उतर आई है। कितना ही बडी रैली कर लो उसका असर नहीं होगा क्योंकि मीडिया पर सरकार का नियंत्रण है। अखबार वाले खरब छापेंगे नहीं।
सरकार अत्याचार कर रही है और उससे लडना आसान नहीं है इसलिए सबको प्रतिबद्धता के साथ इसके खिलाफ खडा होना पडेगा। कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार से सिर्फ आरक्षण को खत्म करने की उसकी साजिश और निजीकरण के खिलाफ ही नहीं बल्कि बेरोजगारी, इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन के विरोध में भी लडाई लडनी है। यह लडाई रामलीला मैदान में एकत्र इन मुद्दों के खिलाफ पूरे देश से आये छात्रों, युवा -नौजवानों, किसानों, सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों का’ यह लडाई लड़नी है।
उन्होंने कहा कि यह गूंगी बहरी सरकार है और इसके खिलाफ़ आवाज बुलन्द करने के लिए सबको प्रतिबद्धता के साथ एकजुट होकर लडना पडेगा। इस रैली में जो भी लोग शामिल हुए हैं उनमें बेरोजगार, युवा, नौजवान और सरकारी कम्पनियों के कर्मचारी और वे अधिकारी हैं निजीकरण से परेशान है।