पुरानी दिल्ली के हौज काजी इलाके में पीढ़ियों से साथ-साथ निवास कर रहे हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच पिछले दिनों पार्किंग को लेकर हुई झड़प सांप्रदायिक टकराव में बदल गई और यह अखबारों की सुर्खियां बनीं, लेकिन दोनों समुदायों के समझदार लोगों की पहल और दिल्ली पुलिस की कोशिशों से दोबारा सामाजिक सौहार्द का माहौल बन गया है।
दोनों समुदाय के लोगों ने सामंजस्य की भावना से अच्छे व मिलनसार पड़ोसी की भांति निवास करने की अपनी लंबी परंपरा को बनाए रखने का संकल्प लिया है।
पार्किंग को लेकर 30 जून को यहां पैदा हुए धार्मिक टकराव से इलाके के अनेक लोग क्षुब्ध हैं। इलाके में 10 दिनों तक तनाव का माहौल बना रहा। इस दौरान पुलिस ने तीन एफआईआर (प्राथमिकी) दर्ज की। इसके बाद इलाके में नौ जुलाई को एक शांतिपूर्ण शोभायात्रा निकालकर दुर्गा मंदिर में विखंडित मूर्ति की दोबारा स्थापना की गई।
गलियों में जय श्रीराम के नारे गूंजने लगे और संगीत के स्वर से वातावरण गुंजायमान हो गया और इससे लोगों का दिल भर गया।
हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लोगों से बनी शांति समिति ने समाचार एजेंसी को बताया, ‘दोनों समुदायों के संगीतज्ञों ने पुरानी दिल्ली में वर्षो से निवास कर रहे लोगों की पीढ़ियों में एकता का समन्वय स्थापित किया।’
शोभायात्रा के दौरान विभिन्न समुदायों के साथ-साथ दोनों धर्मो के स्थानीय लोगों ने आगे आकर मंदिर के पुनरुद्धार में हाथ बंटाया और एक-दूसरे के प्रति आदर और प्रेम की भावना प्रदर्शित की।
दुर्गा मंदिर के पुजारी अनिल पांडेय ने स्थानीय निवासियों को भाइयों-बहनों कहकर पुकारा। वे आपस में एक दूसरे का सम्मान करते हैं।
स्थानीय दुकानदार अग्रिम मिश्रा ने आईएएनएस को बताया, ‘घटना के कई दिनों बाद तक इलाके में हाई अलर्ट था और यह संवेदनशील इलाका माना जाता था। इलाके में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए दिल्ली पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों को तैनात किया गया था। घटना से कारोबार का काफी नुकसान हुआ।
इससे पहले किसी सांप्रदायिक टकराव के कारण ऐसा नहीं हुआ था। लेकिन जीवन अब पहले की तरह सामान्य बन गया है।’
रिक्शाचालक वशीम तहसीन ने कहा, ‘मैं आठ साल से यहां रिक्शा चलाता हूं लेकिन ऐसी कोई घटना मैंने पहले नहीं देखी। घटना के बाद मुझे कुछ दिनों तक भूखा रहना पड़ा, लेकिन अब सब कुछ सामान्य है।’