भारत की पहली डीलक्स ट्रेन ‘डेक्कन क्वीन एक्सप्रेस’ (Deccan Queen Express) ने जून महीने की पहली तारीख को अपनी सेवा के 92 साल पूरे कर लिए। महाराष्ट्र के दो सबसे प्रमुख शहर मुंबई और पुणे के बीच चलने वाली यह ट्रेन अब अपने नए लुक के साथ रेलवे ट्रेक पर दौड़ेगी। 22 जून से डेक्कन क्वीन एक्सप्रेस एलएचबी कोच के साथ चलेगी।
चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) से डेक्कन क्वीन के एलएचबी कोच मुंबई पहुंच गए हैं। इन अत्याधुनिक कोच का मुआयना बुधवार को जीएम अनिल कुमार लाहोटी ने किया। डेक्कन क्वीन में भारतीय रेलवे पर अपनी तरह का एकमात्र रेस्तरां कार है। डेक्कन क्वीन ने बुधवार को अपना जन्मदिन मनाया है।
यह ट्रेन जून 1930 में ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे द्वारा शुरू की गई थी। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई को महाराष्ट्र की सांस्कृतिक राजधानी पुणे से जोड़ने वाली इस ट्रेन ने दोनों शहरों के बीच महत्वपूर्ण संबंध स्थापित किये हैं। डेक्कन क्वीन पहली लक्जरी ट्रेन थी, जिसने इन दोनों शहरों के बीच व्यापार, वाणिज्य, व्यवसाय, शिक्षा, संस्कृति, पर्यटन और सामाजिक संबंधों में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
डेक्कन क्वीन में इकलौता रेस्त्रा कार
शुरू में डेक्कन क्वीन को सात डिब्बों के दो रेक के साथ शुरू किया गया था। मूल रेकों के डिब्बों के अंदर फ्रेम्स का निर्माण इंग्लैंड में किया गया था जबकि डिब्बों का निर्माण जीआईपी रेलवे के मांटुगा कारखाने में किया गया था। मौजूदा में डेक्कन क्वीन 17 डिब्बों के साथ चलती है। डेक्कन क्वीन में अपनी तरह का इकलौता रेस्त्रा कार है। यह लोगों को काफी पसंद आता है।
विस्टाडोम कोच में होंगी ट्रांसपेरेंट छत्त
नई डेक्कन क्वीन में एक विस्टाडोम कोच भी जोड़ा गया है जो अंदर से प्लेन में बैठने जैसा अनुभव देता है। ये विस्टाडोम कोच पर्यटन का आनंद लेने के लिए जोड़ा गया है। विस्टाडोम कोच में कांच की बड़ी खिड़कियां, पारदर्शी छत, अत्याधुनिक सीटें, ऑब्जर्वेशन लाउंज आदि सुविधाएं हैं।
मध्य रेलवे के सीपीआरओ शिवाजी सुतार के अनुसार डेक्कन क्वीन एलएचबी रेक में 4 एसी चेयर कार,1 विस्टाडोम कोच, 8 सेकेंड क्लास चेयर कार,1 जनरल सेकेंड क्लास सह गार्ड ब्रेक वान और जनरेटर कार होंगे। अधिक सुरक्षित और सुखद यात्रा के लिए एलएचबी कोच के साथ यह ट्रेन आगामी 22 जून से चलेगी।