नई दिल्ली : इस दो दिवसीय भाजपा की राष्ट्रीय अधिवेशन में 2019 लोकसभा चुनाव की रणनीति का पूरा खाका खींचा गया। इसमें तय हुआ कि सरकार के कामकाज को गांव-गांव, घर-घर तक पहुंचाना है। किसानों को खास तरजीह दी गई। तय हुआ है कि हर घर में भाजपा कार्यकर्ता पर्ची पहुंचाएंगे जिस पर किसान और मोदी दोनों का चेहरा होगा। इस पर्ची के जरिए भाजपा यह बताना चाहती है कि वह किसानों के लिए बहुत गंभीर है। अधिवेशन में खेती और किसान को लेकर खासी चर्चा हुई।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी साफ कर दिया कि किसानों के लिए बहुत कुछ किया है और बहुत कुछ करना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यूपीए सरकार ने अपने आखिरी पांच साल में किसानों से 7 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद की। हमने बीते साढ़े चार साल में 95 लाख मीट्रिक टन उपज किसान से खरीदी। अब भी हम किसानों के लिए बहुत कुछ करना चाहते हैं। पहले दाल की कीमतों को लेकर कितना हल्ला मचाया जाता था।
अब कितने दिन हो गए कि टीवी पर दाल की कीमतों पर ब्रेकिंग न्यूज नहीं आई। यह संभव हुआ क्योंकि भाजपा सरकार ने नई नीतियां बनाई हैं।’ उन्होंने कहा कि कोशिशों में हमने कोई कमी नहीं छोड़ी है और ये आगे भी जारी रहेगी। साल 2022 तक किसान अपनी आय दोगुनी करने के साधन जुटा सके इसके लिए हम दिन-रात जुटे हुए हैं। पीएम मोदी ने किसानों की बेहतरी की बात भी की। उन्होंने कहा कि जब हम किसानों की समस्या के समाधान की बात करते हैं तो पहले की सच्चाइयों को स्वीकार करना जरूरी है।
पहले जिनके पास किसानों की समस्याओं का हल निकालने का जिम्मा था, उन्होंने शॉर्टकट निकाले, उन्होंने किसानों को सिर्फ मतदाता बना रखा।’ उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को न सिर्फ लागू किया बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि किसानों को एमएसपी का डेढ़ गुना दाम मिले।’
– सुरेन्द्र पंडित/ विकास कुमार