▪️मध्य प्रदेश में विभिन्न आपदाओं की निगरानी एवं नियंत्रण हेतु राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम की स्थापना
भोपाल (मनीष शर्मा) मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आपदा प्रबंधन हेतु स्थापित राज्य स्तरीय सिचुएशन रूम का लोकार्पण किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं आज आश्वस्त हूं, सिचुएशन रूम में बैठकर मैंने आज आपदा नियंत्रण की सारी तैयारियों को देखा। टेक्नॉलाजी का इस्तेमाल करते हुए हम कितना प्रभावी तरीके से बचाव और राहत का काम कर सकते हैं उसका उत्तम उदाहरण आज यहां प्रस्तुत किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बाढ़ हर साल कई जगह आती ही आती है। नदियों के किनारे जो गांव होते हैं, लगभग 272 के आसपास गांव बाढ़ से प्रभावित होते ही हैं। जहां बाढ़ की इस तरह की परिस्थितियां बनती है। उन जगहों पर राहत और बचाव के कार्यो में कठिनाईयां होती थी। उनका चयन कर लिया गया है।
उन्होंने कहा कि अब खुशी की बात यह है कि 5500 हामरे होमगार्ड के जवान, लगभग 550 एसडीआरएफ के जवान और अलग-अलग टीमें अलग-अलग स्तर पर किसी भी आपदा से निपटने के लिए बेहतर प्रबंध किये हैं। संसाधनों से पूरी तरह लैस है हमारी टीम।
श्री चौहान ने कहा कि संकट के समय में हम सिचुएशन रूम से आपदा में फंसे लोगों से बात कर सकते हैं। लोग किन परिस्तिथियों में है उसका पता लगा सकते हैं। कितने गांव बांढ़ में डूंब में आ सकते हैं। इसका पता भी पहले से लगा सकते हैं।
श्री चौहान ने कहा कि इस व्यवस्था के बाद हम प्राकृतिक और मानव निर्मित चुनौतियों से निपटने में भी समर्थ होंगे। आज मध्यप्रदेश सभी व्यवस्थाओं से लैस है। सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद हैं। मैं मध्यप्रदेश के नागरिकों को आश्वस्त करता हूँ कि हम हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार है। कोई आपदा आई, तो हम बेहतर ढंग से उससे निपटेंगे और लोगों की ज़िंदगी बचा पायेंगे।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश को इस तकनीक से जोड़ने के पीछे अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा का बड़ा योगदान है। मध्यप्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है जहां आईटी की तकनीक से मंत्रालय में बैठकर गांव -गांव तथा शहर-शहर तक हर क्षेत्र तक सिर्फ कंट्रोल रूम से मौका मुआयना किया जा सकता है तथा लोगों की परेशानियों को समझा जा सकता है और समय रहते हैं उनका हल किया जा सकता है।