मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की देश भर के प्रमुख 200 शहरों की आयी निगरानी रिपोर्ट में प्रदेश के भोपाल-दमोह सहित अन्य शहरों में ‘एम्बिएंट एयर क्वालिटी इंडेक्स’ के बढ़ते स्तर पर गंभीर चिंता जताते हुये इसके बढ़ते स्तर को कम करने और इसकी रोकथाम को लेकर कई दिशा-निर्देश जारी किये हैं।
प्रदेश कांग्रेस की आज यहां जारी विज्ञप्ति के अनुसार श्री कमलनाथ ने कहा कि केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नई दिल्ली के वर्ष 201।15 की रिपोर्ट के आधार पर मध्यप्रदेश के 6 शहरों भोपाल, इंदौर, देवास, ग्वालियर, सागर और उज्जैन को नॉन अटेंटमेंट सिटी घोषित किया गया था। यह घोषणा परिवेशीय वायु में धूल कणों की मात्रा निधार्रित मानकों से अधिक पाये जाने के कारण की गई थी। वर्तमान में आयी रिपोर्ट और जनता के स्वास्थ्य की रक्षा को देखते हुये प्रदेश में इन शहरों के साथ-साथ अन्य शहरों में भी वायु प्रदूषण की रोकथाम को लेकर जागरूकता अभियान चलाने से लेकर, व्यापक पैमाने पर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये हैं।
जारी दिशा निर्देश में प्रदेश में वृहद वृक्षारोपण अभियान से हरियाली बढ़ने तथा वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए कहा गया है। सड़कों की टूट-फूट से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिये सड़कों के निर्माण कार्य, पैचवर्क व मरम्मत को प्राथमिकता दी गई है। वायु प्रदूषण रोकने के लिये मेकेनिकल स्ट्रीट स्वीपर और वाटर फॉगर्स शीघ्र क्रय करने को कहा गया है। प्रदेश में रियल टाइम मॉनिटरिंग स्टेशन की संख्या बढ़ने को कहा गया है।
इसी तरह प्रदेश में सीएनजी-एलपीजी जैसे स्वच्छ ईधन के प्रयोग को प्रोत्साहित करने के और प्रदेश में ई-रिक्शा के प्रचलन को भी प्रोत्साहित करने के निर्देश दिये जा रहे हैं। पेट्रोल पम्पों पर प्रदूषण जांच केन्द्र की स्थापना के निर्देश भी दिये जा रहे हैं। वाहन प्रदूषण रोकने के लिए पेट्रोल-डीजल में मिलावट के विरूद्ध भी अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए जन जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा।