उत्तर प्रदेश में प्रयागराज के सिविल लाइन क्षेत्र से ठेकेदार के सात वर्षीय अपहृत बालक को पुलिस ने भदोही के सुरियावा क्षेत्र से मुठभेड़ के दौरान मुक्त करा लिया। इस दौरान अपहरणकर्ता संजय यादव ने अपनी पिस्टल से खुद को गोली मार ली जिससे उसकी मृत्यु हो गई। पुलिस प्रवक्ता ने बुधवार को यहां यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि प्रयागराज के सिविल लाइन इलाके के मुराद बाग लेन बागम्बरी अल्लापुर निवासी ठेकेदार अभिषेक सिंह का सात साल का बेटा रणबीर सिंह सिविल लाइंस इलाके में स्थित जिम्नास्टिक हॉल में मंगलवार शाम प्रशिक्षण के लिए गया था। उन्होंने बताया कि ठेकेदार के यहां चालक रहा संजय यादव शाम करीब सवा छह बजे जिम्नास्टिक हॉल पहुंचा और कोच अभिलाष से कहा कि रणबीर सिंह का आज जन्मदिन है और उसके उसे घर बुलाया है।
उन्होंने बताया कि संजय यादव की बातों पर विश्वास करते हुए कोच ने बच्चे को उसके साथ भेज दिया। संजय बालक को अपनी कार में बैठाकर कर ले गया और कुछ देर बाद उसने अभिषेक सिंह को फोन करके बताया कि उसके बेटे का अपहरण कर लिया गया है और उसकी रिहाई के लिए तीन करोड़ रुपये का इंतजाम कर ले। इस दौरान उसने बालक की पिता से बात भी कराई।
अभिषेक सिंह ने पुत्र के अपहरण की जानकारी पुलिस अधिकारियों को दी। प्रयागराज पुलिस ने बच्चे को बरामद करने के लिए अपहरणकर्ता संजय यादव का पीछा किया तो वह कार में बच्चे को लेकर भदोही की तरफ भागा। प्रवक्ता के अनुसार वह रात करीब नौ बजे के बाद प्रयागराज सीमा से सटे भदोही जिले के सुरियावा थाना क्षेत्र में बसवापुर गांव के पास पहुंचा और पुलिस ने उसकी कार के टायर में गोली मार कर उसे घेर लिया।
सीबीआई ने आय से अधिक संपत्ति मामले में मुलायम, अखिलेश को दी क्लीन चिट
मुठभेड़ के दौरान संजय रात करीब साढ़ दस बजे उसने कार में अपनी पिस्टल से खुद को गोली मार ली। पुलिस गंभीर हालत में उसे भदोही के जिला अस्पताल लेकर गई जहां डाक्ट्ररों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उन्होंने बताया कि अपहरणकर्ता संजय यादव अभिषेक के यहां चालक था और कुछ दिन पहले ही उसे हटा दिया गया था।