भोपाल : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मंदसौर में होने वाली सभा को लेकर सियासत गरमाई हुई है। प्रशासन द्वारा जारी की अनुमति पत्र में 19 शर्तों की बंदिशे लगाने पर बवाल मचने के बाद प्रशासन ने बुधवार को सिर्फ 6 शर्तों वाला संशोधित आदेश जारी किया। इसमें राहुल के मंच के लिए सिर्फ 15 गुणा 15 वर्गफीट का टेंट लगाने की बाध्यता खत्म कर दी है, लेकिन कार्यक्रम स्थल के उपयोग के लिए संबंधित विभाग से अतिरिक्त अनुमति लेने के लिए नया आवेदन देना होगा।
पत्र के मुताबिक राहुल गांधी की रैली को अब 19 शर्तों की जगह 6 शर्तों का पालन करना होगा। इनमें सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित निर्देशों के अनुसार लाउडस्पीकरों का उपयोग शामिल है। इसके अलावा शस्त्रों के प्रदर्शन पर प्रतिबंध के साथ ही किसी को भी धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने वाले नारे नहीं लगाने दिये जायेंगे। सांप्रदायिक या कानून व्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर सभा स्थल के उपयोग के लिए संबंधित विभाग से अतिरिक्त अनुमति मांगने के लिए एक नया आवेदन देना होगा।
पत्र में यह भी कहा गया है कि किसी भी शर्त के उल्लंघन की स्थिति में रैली की अनुमति रद्द हो सकती है। चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा यदि मध्यप्रदेश के मंदसौर में राहुल गांधी की रैली के लिए शर्तें लागू करने वाला पत्र सच है, तो यह स्पष्ट है कि शर्त लागू करने वाले रहनुमा को तत्काल ही संविधान के अनुच्छेद 19 (1) का अध्ययन करना चाहिए।
वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने सरकार से पूछा कि क्या ये शर्तें आने वाले दिनों में प्रधानमंत्री मोदी और अन्य भाजपा नेताओं की बैठकों पर भी लागू होंगी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा पूर्व में 6 जून को किसान गोलीकांड पर राहुल गांधी को मंदसौर प्रवेश की अनुमति नहीं देने वाली शिवराज सरकार अभी भी किसानों की आवाज को शर्तों की आड़ में बिगाडऩा व दबाना चाहती है। उन्होंने कहा कि क्या ये ही शर्तें मोदी जी और तमाम भाजपा नेताओ की भविष्य की सभाओं के लिये भी रहेगी।
24X7 नई खबरों से अवगत रहने के लिए यहां क्लिक करें।