देहरादून : उत्तराखंड विधानसभा का इस वर्ष का दूसरा सत्र सोमवार से शुरू हो गया। पहले दिन सदन में दिवंगत कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत को श्रद्धांजलि दी गई। गौरतलब है कि पिछले दिनों उनका लंबी बीमारी के बाद अमेरिका में ईलाज के दौरान निधन हो गया था। वन्दे मातरम के साथ सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद पहली बार प्रभारी संसदीय और विधायक कार्यमंत्री के रूप में सोमवार को नियम 315 के अंतर्गत मदन कौशिक ने सदन में प्रस्ताव रखा।
जिसे पीठ ने स्वीकार करते हुए इस पर सभी को दिवंगत मंत्री प्रकाश पंत को श्रद्धाजंलि देने के लिए अनुमति प्रदान की। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने श्री प्रकाश पंत को याद करते हुए उन्हें बहुमुखी प्रतिभा का धनी बताया। उन्होंने कहा कि श्री पंत बहुत ही कर्मठ और विभिन्न विद्याओं के ज्ञाता थे और जब वो विधानसभा अध्यक्ष बने तो उन्होंने ही उनके नाम पहली बार प्रस्तावित करा था। इस दौरान मुख्यमंत्री भावुक हो गए। सभी सदस्यों ने श्री पंत को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृद्येश ने शोक प्रस्ताव पेश करते हुए दिवंगत प्रकाश पंत के कार्यो को याद किया। उन्होंने स्वर्गीय पंत को विधायी कार्यो में दक्ष बताते हुए कहा कि कई मौको पर सदन में प्रकाश पंत ने अपनी ज्ञान और प्रतिभा को साबित किया है। ससदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक विधायक प्रितम सिहं, सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत, बंसीधर भगत, अनेक विधायक और मंत्रियों ने श्री पंत को श्रद्धाजंलि अर्पित की। सत्र के लिए विधायकों की ओर इस बार 721 सवाल लगाए गए हैं।
दो दिन के सत्र पर विपक्ष को आपत्ति
नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने दो दिन के सत्र पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इसकी अवधि बढ़ाई जानी चाहिए। दो दिन के सत्र में जनसमस्याओं का निस्तारण नहीं हो पाता। उन्होंने कहा कि जहां तक श्रद्धांजलि की बात है तो जब भी सत्र शुरू होता, उसमें पहले दिन श्रद्धांजलि दी जा सकती थी। वहीं, यह भी माना जा रहा है कि सत्र के दूसरे दिन विपक्ष कानून व्यवस्था समेत अन्य मसलों पर सरकार को घेर सकता है।
– सुनील तलवाड़