राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह सुरेश भय्याजी जोशी ने कहा है कि राम मंदिर अपने निश्चित प्रारूप में और अपने निश्चित स्थान पर ही बनेगा। श्री जोशी आज यहां पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि वह उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित की गई समिति के निष्कर्षों को भी देख रहे हैं, लेकिन उसी स्थान पर उसी प्रारूप के बिना राम मंदिर के बारे में हम सोचेंगे भी नहीं। उन्होंने कहा कि 1980-90 के दशक से राम मंदिर का आंदोलन चल रहा है वह मंदिर बनने के बाद ही समाप्त होगा।
उन्होंने कहा कि संघ राम मंदिर में निष्ठा रखता है और उसके निर्माण के लिये प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि न्यायालय ने पहले राम मंदिर का मुददा प्राथमिकता में नहीं है, कहने पर पीडा हुई और यह कहना हिन्दुओं को अपमानित करना जैसा था। उन्होंने कहा कि राम मंदिर आस्था और अस्मिता का भी प्रश्र है। न्यायालय उसकी बाधायें दूर करते हुए फैसला दे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि न्यायालय इसका फैसला देने में गति प्रदान करेगा।
नरेंद्र मोदी सरकार ने भी राम मंदिर के बारे में कुछ नहीं किया के बारे में पूछे जाने पर श्री जोशी ने कहा कि सरकार संचालन करने वालों की क्या समस्यायें रही होंगी वह नहीं कह सकते, लेकिन सत्ता में बैठे लोगों का भी राम मंदिर को लेकर विरोध नहीं है। यह पूछे जाने पर की कमेटी द्वारा अगर राम मंदिर के पक्ष में फैसला नहीं दिया तो उन्होंने कहा कि वह अगर-मगर नहीं जानते कमेटी बनाकर एक मात्र हल निकालता है तो हम उसका स्वागत करेंगे।
उन्होंने कहा कि श्री श्री रविशंकर जी इस कमेटी में हैं कोई सकारात्मक हल जरूर निकलना चाहिये यदि एक प्रतिशत भी गुंजाइश होगी तो हम स्वागत करेंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव के संदर्भ में हमारी भूमिका स्पष्ट है कि लोग अधिक से अधिक मतदान करें, लोग जागरूक होकर मतदान करें। यदि मतदान का प्रतिशत कम रहता है तो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि राजनैतिक व्यक्ति अपने लिये समर्थन मांगने की इच्छा रखता ही है।