देश में नए मोटर व्हीकल संशोधन कानून लागू होने के बाद केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का पहली बार बयान सामने आया है। केंद्रीय परिवहन मंत्री ने कहा है कि मोटर व्हीकल संशोधन कानून को 20 राज्यों के परिवहन मंत्रियों की समिति जिसमें 7 अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों की सरकारें थी, की सिफारिशों के आधार पर ही इसे तैयार किया गया और लागू किया गया।
वाहन निर्माता कंपनियों के संगठन सियाम की 59वीं वार्षिक बैठक को संबोधित करने के बाद संवाददाताओं के प्रश्न के उत्तर में नितिन गडकरी ने कहा कि पेट्रोल-डीजल के वाहनों को प्रतिबंधित करने के लिए कोई समयसीमा तय नहीं की गई है और न ही ऐसा करने का सरकार का कोई इरादा है।
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उन्होंने कहा कि इसके बावजूद सरकार बिजली तथा वैकल्पिक ईंधनों से चलने वाले वाहनों के इस्तेमाल को बढ़वा दे रही है क्योंकि देश पर पेट्रोलियम आयात का सात लाख करोड़ रुपये का सालाना बोझ पड़ता है। साथ ही प्रदूषण की गंभीर समस्या का भी सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने स्वीकार किया कि मौजूदा आंकड़े से यह स्पष्ट है कि वाहन उद्योग इस समय समस्याओं के दौर से गुजर रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने उद्योग को सरकार की तरफ से हर संभव मदद का आश्वासन दिलाया। उन्होंने कहा कि देश मे 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती है डेढ़ लाख मौतें हो जाती हैं। नितिन गडकरी ने कहा कि 18 से 35 आयु के 60 फीसदी की मौत हो जाती है क्या इनकी जान नहीं बचानी चाहिए। कानून के प्रति सम्मान और डर नहीं हो ऐसी स्थिति अच्छी नहीं है। सरकार की ऐसी मंशा नहीं है कि ज्यादा जुर्माना लगाया जाए लेकिन लोग ऐसी स्थिति आने ही नहीं दें कि जुर्माना लगे।