ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के दावे को लेकर मचे बवाल के बाद देश में जगह-जगह पर हिंदू संगठन मस्जिदों में देवी-देवताओं की प्रतिमा होने के दावे करने लगे हैं। हालही में मथुरा की विवादित ईदगाह मस्जिद के गर्भगृह को सील करने की याचिका मथुरा कोर्ट में दायर की गयी थी। अब इस मामले में देश की राजधानी दिल्ली में स्थित जामा मस्जिद की भी एंट्री हो गयी है। दरअसल हिन्दू महासभा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर ज्ञानवापी की तर्ज पर जामा मस्जिद में भी सर्वे कराने की मांग की है।
जामा मस्जिद में मौजूद है हिंदू देवी-देवताओं की प्रतिमाएं
हिंदू महासभा द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में यह दावा किया गया है कि जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे हिंदू भगवानों की प्रतिमाएं मौजूद हैं। महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि ने पीएम मोदी से जामा मस्जिद में सर्वे कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं, इसलिए खुदाई करवा के उन प्रतिमाओं को बाहर निकालना बहुत जरूरी है। यह मांग उस वक्त सामने आयी है जब देश में ज्ञानवापी मस्जिद का मुद्दा गरमाया हुआ है।
जामा मस्जिद में मौजूद है हिंदू देवी-देवताओं की प्रतिमाएं
हिंदू महासभा द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में यह दावा किया गया है कि जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे हिंदू भगवानों की प्रतिमाएं मौजूद हैं। महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि ने पीएम मोदी से जामा मस्जिद में सर्वे कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं, इसलिए खुदाई करवा के उन प्रतिमाओं को बाहर निकालना बहुत जरूरी है। यह मांग उस वक्त सामने आयी है जब देश में ज्ञानवापी मस्जिद का मुद्दा गरमाया हुआ है।
ज्ञानवापी मस्जिद में हुए सर्वे से शुरू हुआ पूरा विवाद
ज्ञानवापी मस्जिद में नंदी के ठीक सामने बने कुएं में शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है। हालांकि इस दावे में कितनी सच्चाई है इस बात का पता सर्वे की रिपोर्ट कोर्ट में पेश होने के बाद ही चलेगा। बता दें कि यह शिवलिंग मिलने का दावा हिंदू पक्ष की ओर से किया जा रहा है लेकिन मुस्लिम पक्ष के लोग इस बात से साफ़ इंकार कर रहे हैं। उनके मुताबिक कुएं के अंदर कोई शिवलिंग नहीं है बल्कि फव्वारा है जो हर वजू खाने में होता है। हिंदुओं के मुताबिक यह पत्थर की संरचना शिवलिंग के आकर की है, वहीं मुस्लिमों का सवाल है कि यह कैसे तय किया गया है कि वह संरचना पत्थर की ही है?