केंद्रीय मंत्री राम चंद्र प्रसाद सिंह उर्फ आरसीपी सिंह ने कहा कि वह किसी ने हनुमान नहीं है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उनका नाम रामचंद्र है और उन्हें उनके ही नाम से संबोधित किया जाए। आरसीपी सिंह के इस बयान से सवाल उठ रहा है कि क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के संबंधों के बीच क्या दरार पड़ गई है? क्या आरसीपी सिंह जेडीयू में नहीं?
जमुई दौरे के दौरान आरसीपी सिंह से एक मीडियाकर्मी ने जब सवाल किया कि आप नीतीश कुमार के काफी करीबी माने जाते रहे हैं। जैसे चिराग पासवान पीएम मोदी के हनुमान कहे जाते हैं, ठीक वैसे ही आपको भी कहा जाता है? इस सवाल पर आरसीपी सिंह भड़क उठे और कहा कि वह किसी के हनुमान नहीं है, उनका नाम रामचंद्र है और उन्हें उनके ही नाम से संबोधित किया जाए।
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नीतीश कुमार ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि आरसीपी सिंह उनकी दूसरी कमान थे। उन्हें 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए भी पदोन्नत किया गया था। केंद्रीय मंत्री बनने के बाद पार्टी के राजनीतिक हितों को दरकिनार करते हुए इस बार उन्हें राज्यसभा का टिकट नहीं दिया गया।
राज्यसभा सांसद के रूप में उनका कार्यकाल 7 जुलाई को समाप्त हो रहा है। इसके बाद, वह या तो केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे देंगे या प्रधानमंत्री के आह्वान की प्रतीक्षा करेंगे।