शौक और रोजगार की गडिय़ां जब एक ही ट्रैक पर दौड़ें तो न सिर्फ मंजिल तक पुहंचने की ललक बढ़ जाती है बल्कि सफर भी बेहद सुहाना हो जाता है। ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने पहले आर्थिक कारणों से किसी विशेष प्रोफेशन को अपनाया और फिर अपने सपनों को पंख लगाएं। ऐसे ही हम बात कर रहे हैं राहुल वोहरा की।
राहुल एक वाइनर हैं और वह मोटीवेशनल विडियोज भी बनाते हैं। साथ ही वह एक थिएटर आर्टिस्ट और यूट्यूबर भी हैं। उनकी यूट्यूब फैमिली 2 लाख की ही। इसी सिलसिले में राहुल ने पंजाब केसरी के कार्यालय में शिरकत की और अपनी यूट्यूब फैमिली और निजी जिंदगी के किस्से हमसे शेयर किए:-
1 से 2 लाख के सफर के बारे में बताएं?
1 लाख से 2 लाख तक का सफर मेरा काफी मजेदार रहा है। मैंने इस सफर में काफी कुछ सीखा है और मैं अब भी सीख रहा हूं। इस दौरान मेरी फैमिली का पूरा सपोर्ट रहा है। मैंने सबसे पहले थिएटर करना शुरू किया था और मेरे पैरेंट्स ने मुझे इस दौरान बहुत अपना सपोर्ट दिया।
आप अपनी विडियो में ऑडियंस के लिए किस तरह का टारगेट लेते हैं?
मेरी हर एक विडियो आईने की तरह होती है ताकि जब भी दर्शक उसे देखे तो उसकी अच्छाई और बुराई बताएं। मैं खुद अपनी विडियोज को भी ऐसे आईने की तरह देखता हूं। मेरी हर विडियो से कोई न कोई इंस्पायर होता है और मैं हमेशा अपनी ऑडियंस के लिए ऐसी विडियो बनाता रहूंगा जिससे वो सब इंस्पायर हो और कुछ सीखें।
हाल ही में आपने प्रदूषण पर एक विडियो बनाया है इसे बनाने का आइडिया आपको कहां से मिला?
वैसे तो मैं मुंबई में रहता हूं, परिवार से मिलने के लिए दिल्ली आना होता है। सच बताऊं तो मुझे दिल्ली आकर पॉल्यूशन का आइडिया मिला। दिल्ली में इतना प्रदूषण बढ़ चुका है कि घर से बाहर निकलते ही सांस नहीं आता। मैंने इसी प्रदूषण को एंटरटेनमेंट के रूप में विडियो बनाया ताकि सब तक यह संदेश पहुंच सके कि यह अब कितना खतरनाक हो गया है।
आपका आइडियल कौन है, जिसे आप फॉलो करते हैं?
मैं अपना किसी को आइडियल नहीं मानता लेकिन मैं हर किसी से प्रभावित होता हूं चाहे वह कोई यूट्यूबर हो या बॉलीवुड की कोई हस्ती हो। हां, मैं बॉलीवुड के अभिनेता परेश रावल, ओम पूरी और नसुरीद्दीन शाह से बहुत कुछ सीखता हूं और उन्हें पूजता भी हूं।
आजकल वेब सीरिज का जमाना चल रहा है इस बारे में आपकी क्या राय है?
यह बहुत अच्छी बात है कि अब वेब सीरिज बनने लगी है क्योंकि अब डिजिटल का जमाना आ चुका है। लोगों के पास इतना समय नहीं है कि वह टेलिविजन या बॉलीवुड की मूवीस देख पाएं। लोग अब वेब सिरिज देखना पसंद करते हैं। हर दिन कुछ न कुछ नया अपडेट होता है।
क्या व्यूवर्स के कॉमेंट्स से भी कुछ सीखने को मिलता है?
मेरी ऑडियंस ही मेरी टीचर है। सच कहूं तो सबस्क्राइर्स की भूख कभी खत्म नहीं होने वाली क्योंकि जितने आज हंै उनसे ज्यादा ही हमें चाहिए होते हैं। अगर बात करूं अपने ऑडियंस की तो जब उनके कमेंट्स आते हैं तो मुझे यह पता चलता है कि मेरी स्टोरी में क्या कमी रह गई थी और लोगों को कितनी पसंद आती है। जैसे-जैसे आपके सब्सक्राइबर बढ़ते हैं वैसे हमें पता चलता है कि हमें ऑडियंस का कितना प्यार मिल रहा है।