नई दिल्ली : गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) से निवेशकों का लगातार मोहभंग होता जा रहा है। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-नवंबर अवधि में निवेशकों ने गोल्ड ईटीएफ से 280 करोड़ रुपये की निकासी की। उतार-चढ़ाव के बावजूद निवेशकों के लिये शेयर बाजार में निवेश पसंदीदा विकल्प बना हुआ है।
इसकी तुलना में 14 गोल्ड-लिक्ंड ईटीएफ से 2017-18 की इसी अवधि में 511 करोड़ रुपये की निकासी की गयी थी। म्यूचुअल फंडों के शीर्ष संगठन एम्फी के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, गोल्ड फंड के प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां (एयूएम) नवंबर अंत में 11 प्रतिशत गिरकर 4,385 करोड़ रुपये रह गयीं, जो कि एक वर्ष पहले 4,922 करोड़ रुपये थीं।
पिछले पांच वित्त वर्षों से गोल्ड ईटीएफ में लगातार गिरावट आ रही है। वित्त वर्ष 2017-18 में गोल्ड ईटीएफ से 835 करोड़ रुपये, 2016-17 में 775 करोड़ रुपये, 2015-16 में 903 करोड़ रुपये, 2014-15 में 1,475 करोड़ और 2013-14 में 2,293 करोड़ रुपये की निकासी की गई। हालांकि, 2012-13 में गोल्ड ईटीएफ में 1,414 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था।
उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों ने कहा कि शेयर बाजार में सकारात्मक रिटर्न मिलने के चलते बड़े पैमाने पर भारतीय निवेशक गोल्ड ईटीएफ से दूरी बनाये हुये हैं। इसके अलावा, भारतीय निवेशक पारंपरिक रूप से ईटीएफ के बजाये भौतिक रूप से सोना रखना पसंद करते हैं।
वहीं, दूसरी ओर चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-नवंबर अवधि में इक्विटी और इक्विटी-लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ईएलएसएस) में 82,200 करोड़ रुपये का निवेश किया गया।