नयी दिल्ली : ‘भारत बंद’ के दौरान कल हुई हिंसा के बाद आज भाजपा और केंद्र सरकार ने दलितों के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए कहा कि वह इस समाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने दलितों और आदिवासियों के हितों की रक्षा करने को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता जताई। अमित शाह ने कहा कि हताश और खारिज किये गये राजनीतिक दलों के एक छोटे वर्ग ने जनता को परेशान किया है और उन्हें दलित बहनों और भाइयों से माफी मांगनी चाहिए। शाह ने ट्वीट कर दलित समुदाय तक अपना संदेश पहुंचाने का प्रयास किया और कांग्रेस पर संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर के साथ अनुचित रवैया अपनाने का आरोप भी लगाया। भाजपा अध्यक्ष ने कुछ निहित स्वार्थ वाले संगठनों पर दलितों के आरक्षण के विषय पर हंगामा खड़ा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि हर चुनाव से पहले ऐसा किया जाता है और सरकार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जाति के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करेगी। उल्लेखनीय है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण कानून के संबंध में उच्चतम न्यायालय के एक आदेश के विरोध में देश के कई इलाकों में भारत बंद के दौरान हिंसा की घटनाएं सामने आई ।
शाह ने कहा कि एससी- एसटी कानून पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद से ही केंद्र सरकार ने तत्परता और सोच- समझ के साथ काम किया और दलितों के अधिकारों के संरक्षण के लिए एक प्रभावी पुनर्विचार याचिका दाखिल की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनुसूचित जाति के सांसदों से मिलकर उन्हें भरोसा दिलाया था कि सरकार हमारे दलित बहनों और भाइयों की भलाई और अधिकारों के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। शाह ने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति( अत्याचार रोकथाम) संशोधन विधेयक, 2015 के माध्यम से राजग सरकार ने वास्तव में कानून के प्रावधानों को मजबूत बनाया था और यह दलित वर्गों के कल्याण की भाजपा की प्रतिबद्धता के अनुरूप था। उन्होंने कहा, भाजपा का रुख साफ है जिसे मैं एक बार फिर से दोहरा रहा हूं। हम बाबासाहब द्वारा दिये गये संविधान पर और इसमें एससी- एसटी समुदायों को दिये गये अधिकारों पर पूरा भरोसा रखते हैं। भाजपा हर समय और हरसंभव तरीकों से दलित समुदाय के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के हितों की रक्षा की पूरी प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि अनुसूचित जाति- जनजाति अत्याचार निरोधक कानून को किसी भी तरह से कमजोर नहीं किया जाएगा और आरक्षण को लेकर फैलायी जा रही अफवाहें पूरी तरह निराधार हैं।
केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर समाजमें ‘ तनाव भड़काने’ का आरोप लगाया और सवाल किया कि केंद्र में लंबे समय तक सत्तारूढ़ रहने वाली कांग्रेस ने आखिरकार दलित समाज के लिए क्या किया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए प्रसाद ने कहा, ‘‘ राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि क्या उन्होंने कल शांति की अपील की?’’ राहुल की ओर से मोदी सरकार को‘ दलित विरोधी’ कहे जाने पर पलटवार करते हुए गहलोत ने कहा, ‘‘ आप समाज में तनाव भड़काकर राजनीतिक फायदा उठाना चाह रहे हैं। यह उचित नहीं है।’’ सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने कल की हिंसा के लिए कांग्रेस और बसपा को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, ‘‘ दलितों का प्रदर्शन सरकार के खिलाफ नहीं था, बल्कि अदालत के आदेश के खिलाफ था। राजग सरकार दलितों के हितों की रक्षा करने को प्रतिबद्ध है।’’ इससे पहले सरकार पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा, ‘‘ रोहित वेमुला की हत्या हो जाती है। उना( गुजरात) में दलितों को पीटा जाता है लेकिन प्रधानमंत्री इस पर एक शब्द भी नहीं बोलते हैं। दलितों और आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार के मामलों में वृद्धि हुई है और अजा/ अजजा कानून को शिथिल कर दिया गया है। मोदी ने एक भी शब्द नहीं बोला।’’
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